मिसाइल मैन ऑफ इंडिया:-भारत रत्न अब्दुल कलाम*

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*मिसाइल मैन ऑफ इंडिया:-भारत रत्न अब्दुल कलाम*
  -जन्म दिन पर विशेष-
संदर्भ:- विश्व विद्यार्थी दिवस ( 15 अक्टूबर )
– राजेश कुमार शर्मा”पुरोहित”
        वरिष्ठ साहित्यकार
पन्द्रह अक्टूबर 1931 को हमारे देश के पूर्व राष्ट्रपति अबुल पाकिर जैनुल आब्दीन अब्दुल कलाम का जन्म दिन विश्व विद्यार्थी दिवस के रूप में मनाया जाता है। कलाम साहब ने अपने कार्यकाल में देश ही नहीं अपितु विदेशों में भी छात्र छात्राओं के लिए बहुत अच्छे कार्य किये। उन्हें वैज्ञानिक सोच रखने हेतु प्रेरित किया।
 रामेश्वरम मद्रास प्रेसिडेंसी ब्रिटिश इंडिया में हुआ था। कलाम बेमिसाल थे। वह कुशल राजनीतिज्ञ,सुप्रसिद्ध वैज्ञानिक,एक शिक्षक एक सलाहकार, के साथ ही महान दार्शनिक थे। भारत के ग्यारहवें राष्ट्रपति कलाम थे। पीपुल्स प्रेसिडेंट यानी जनता का राष्ट्रपति जाना जाता था। कलाम से सभी भारतीय खुश थे विशेषकर बच्चे उनके विचारों से बहुत प्रभावित थे। वे वैमानिकी इंजीनियर भी रहे। उन्होंने बैलिस्टिक मिसाइल  अंतरिक्ष रॉकेट के साथ ही प्रोधोगिकी के विकास हेतु अनेक कार्य किये इसीलिए उन्हें मिसाइल मैन ऑफ इंडिया कहा जाता है।
   कलाम ने विद्यार्थियों के लिए कहा कि छात्रों को आदर्श बनने के लिए सबसे पहले उसे अपनी योग्यता को तेज करना होगा। आदर्श बनने के लिए बच्चों को मात्र पुस्तकें रटना नहीं है। सिद्धान्त पढ़ना समझना व्यावहारिक अनुप्रयोग करना होगा। चरित्रवान बनने के लिए अनुशासित होना होगा। बुरे विचारों से बचना होगा। ज्ञान के अधिग्रहण में वक़्त काटना होगा।
कलाम ने कहा था “ज्ञान सफलता का प्रवेश द्वार है।”विद्यार्थी में आत्मविश्वास होना बहुत जरूरी है। केवल विद्यालयों कॉलेजों में जो छात्र ए ग्रेड से उत्तीर्ण हो जाते है वे सफल विद्यार्थी कहलाते है लेकिन समाज के लोगों की अपेक्षाओं के अनुरूप जो खरे उतरते हैं वे ही अच्छे व सफल विद्यार्थी होते हैं। समाज के विकास में विद्यार्थी सहभागी बने। समाज को शिक्षित कर सके। समाज को स्वच्छ व स्वस्थ बनाने का कार्य विद्यार्थी करें। संयुक्त राष्ट्र संघ ने 15 अक्टुबर का दिन विश्व विद्यार्थी दिवस हेतु इसीलिए घोषित किया। आज के दिन कलाम साहब के विचार बच्चे बच्चे तक पहुंचे।
   आज ही के दिन कलाम साहब का जन्म तमिलनाडु में हुआ था। परिवार से ये बहुत गरीब थे। इनके पिताजी जेनुलबूदेंन नाव के मालिक थे। माता असीमा एक गृहणी थी।इन्होंने मद्रास यूनिवर्सिटी से स्नातक किया।बालपन से ही जीवन संघर्षमय रहा। भारतीय वायु सेना में नोकरी करने की इनकी दिली इच्छा थी।लेकिन वे पायलेट बन न सके। भौतिकी व गणित में इनकी विशेष रुचि रही। कम्प्यूटर व प्रोधोगिकी के क्षेत्र में उन्होंने बहुत उन्नति की। पूरा ध्यान केंद्रित कर आगे बढ़ते रहे। बाद में वे वरिष्ठ वैज्ञानिक सहायक बने। 1969 में इसरो में गए। एस एल वी 3 प्रोजेक्ट पर कार्य किया। वे प्रोजेक्ट डायरेक्टर थे। भारतीय मिट्टी पर डिजाइन और उत्पादित प्रथम सेटेलाइट वाहन लांच किया था।1982 में डी आर डी ओ के निदेशक के रूप में लौटे। उन्होंने एकीकृत मिसाइल विकास कार्यक्रम को लागू किया।1992 में वैज्ञानिक सलाहकार रक्षा मंत्रालय में बनाये गए।
   कलाम पूरे जीवन मे अविवाहित रहे और देश की सेवा की।1998 में राजस्थान के पोखरण में पाँच परमाणु परीक्षण किए। देश की सुरक्षा के लिए ये मिसाइलें बनाने वाले कलाम को इस हेतु सम्मानित भी किया गया। 2002 में कलाम भारत के राष्ट्रपति बने। एमटीवी ने उन्हें यूथ आइकॉन ऑफ दी ईयर का समनं 2003 व 2006 में प्रदान किया था। 40 विश्विद्यालयों ने उन्हें डॉक्टरेट की मानद उपाधि प्रदान की। 1981 में पद्मभूषण 1990 में पद्म विभूषण 1997 में भारत रत्न प्रदान किया गया।
  इन्होंने आत्मकथा विंग्स ऑफ फायर और मिशन 2020 सहित कई कृतियां लिखी।
 विद्यार्थियों के लिए कलाम साहब ने खास बातें कही:- अपने मिशन में कामयाब होने के लिए आपको अपने लक्ष्य के प्रति एकाग्रचित व निष्ठावान होना पड़ेगा। ऊपर आकाश की तरफ देखिये हम अकेले नहीं है सारा ब्रह्मण्ड हमारे साथ है। सपने देखने वालों और मेहनत करने वालों के सपने पूरे करने में समस्त ब्रहाण्ड उनकी मदद करता है। छात्रों तुम पुस्तकों से दोस्ती करो क्योंकि एक अच्छी पयस्तक हजार दोस्तों के बराबर होती है जबकि एक अच्छा दोस्त एक पुस्तकालय के बराबर होता है। जीवन मे कठिनाइयां हमे सामर्थ्यवान व शक्तियों को बाहर निकालने में मदद करती है। कठिनाइयों को यह जान लेने दो की आप उससे भी ज्यादा कठिन हो इसलिए कभी भी कठिनाइयों से न घबराओ उनका सामना करो।
   कलाम साहब कहते थे आप अलग सोचो सबसे हटकर आविष्कार करो। असम्भव को खोजो। साहस रखो। समस्याओं पर  जीत हांसिल करो।
   महान लक्ष्य हो ज्ञान अर्जित करना है कड़ी मेहनत करना है दृढ़ रहना है ये चार बातें जिंदगी में याद रखें आपका विद्यार्थी जीवन सफल हो जाएगा।
   विश्व के तमाम विद्यार्थियों को प्रेरित करने वाले कलाम साहब को याद करें। कलाम सेंटर की स्थापना करें । एक नया भारत बनाये।जो स्वच्छ हो स्वस्थ हो। विद्यार्थी रोजगार से जुड़े। हमारे किसान भाई खुशहाल हो। देश के लोगों में वैज्ञानिक सोच विकसित हों।
“आओ नया भारत बनाएं”
कलाम के सपनों को साकार करें।
आओ मिलकर  कुछ काम करें।।
#राजेश कुमार शर्मा ‘पुरोहित’
परिचय: राजेश कुमार शर्मा ‘पुरोहित’ की जन्मतिथि-५ अगस्त १९७० तथा जन्म स्थान-ओसाव(जिला झालावाड़) है। आप राज्य राजस्थान के भवानीमंडी शहर में रहते हैं। हिन्दी में स्नातकोत्तर किया है और पेशे से शिक्षक(सूलिया)हैं। विधा-गद्य व पद्य दोनों ही है। प्रकाशन में काव्य संकलन आपके नाम है तो,करीब ५० से अधिक साहित्यिक संस्थाओं द्वारा आपको सम्मानित किया जा चुका है। अन्य उपलब्धियों में नशा मुक्ति,जीवदया, पशु कल्याण पखवाड़ों का आयोजन, शाकाहार का प्रचार करने के साथ ही सैकड़ों लोगों को नशामुक्त किया है। आपकी कलम का उद्देश्य-देशसेवा,समाज सुधार तथा सरकारी योजनाओं का प्रचार करना है।

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।