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शिशु के
जन्म के बाद
जीवन रक्षण हेतु
जननी के दूध की बूँद
अमृत है।
बालक की
बढती कोंपल सी
कितनी कोमल है
छोटी ,परवश देह
माँ का मृदु प्यार भरा स्पर्श
अमृत है।
मात- तात
परिजन समाज साथ
सीखता, चलना ,बोलना
पनपते पौधे को ज्यों
हवा, पानी, धूप, खाद
बालक को हर साथ
अमृत है।
ज्ञान के
विविध आयाम
सैद्धांतिक ,प्रायोगिक
माता- पिता परिवार, समाज
गुरु कृपा से मिलता
वो विवेक
अमृत है।
योग्य व्यक्तित्व
धर्म अर्थ का साधन
गृहस्थ में हमराही
का साथ , सलाह
और प्यार
अमृत है।
संग्रह सद्गुणों का
परित्याग दुर्गुणों का
सम्मान सज्जनों का
पूजन कुल वृद्धों का
आचरण अनुकरणीय
प्राप्त आशीर्वाद
अमृत है।
जीवन लक्ष्य
ईश वंदन
राष्ट्र उत्थान
सेवा मानवता हित
करें, तन -मन -धन
बलिदान यह भाव
अमृत है।
#पुष्पा शर्मा
परिचय: श्रीमती पुष्पा शर्मा की जन्म तिथि-२४ जुलाई १९४५ एवं जन्म स्थान-कुचामन सिटी (जिला-नागौर,राजस्थान) है। आपका वर्तमान निवास राजस्थान के शहर-अजमेर में है। शिक्षा-एम.ए. और बी.एड. है। कार्यक्षेत्र में आप राजस्थान के शिक्षा विभाग से हिन्दी विषय पढ़ाने वाली सेवानिवृत व्याख्याता हैं। फिलहाल सामाजिक क्षेत्र-अन्ध विद्यालय सहित बधिर विद्यालय आदि से जुड़कर कार्यरत हैं। दोहे,मुक्त पद और सामान्य गद्य आप लिखती हैं। आपकी लेखनशीलता का उद्देश्य-स्वान्तः सुखाय है।
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Thu Oct 4 , 2018
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