कोहरा

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satyaprasann

कोहरा, वैसे ही नहीं

छा जाता

जैसे, छा जाता है रोज

उजियारा और अँधेरा

अपने निश्चित समय पर

 

निसर्ग के उच्छ्वासों का

वाष्पित उद्बोधन है

कोहरा

जिसकी सीली- सीली छुवन से

पसीज उठती है

धरती की हरीतिमा,

सो जाती है धूल

सड़कों की

और विलंबित हो जाती है

वक्त की रफ्तार

 

दायरों से परे होती

उसकी स्फीति में

रास्ते सहज ही गुम हो जाते हैं

और गुम हो जाते हैं

पेड़, मकान, लोग

ठीक वैसे ही

जैसे गुम हो जाता है

हमारा होना

मौन के कोहरे से भरे

कोने वाले कमरे से।

#“सत्यप्रसन्न”

परिचय-

नाम-         सत्यप्रसन्न

जनक-      स्व. प्रभाकर राव

जननी-      स्व. पद्मावती

मातृभाषा-   तेलगु

शिक्षा-       यांत्रिकी में पत्रोपाधि

सेवा क्षेत्र-   छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत उत्पादन कंपनी मर्यादित

संप्रति-      उपरोक्त संस्थान से अधीक्षण अभियंता के पद से सेवानिवृत्ति के पश्चात स्वाध्याय, और लेखन। सामाजिक गतिविधियों में सहभागिता।

अन्य- यदाकदा आकाशवाणी से रचनाओं का प्रसारण। एकाधिक बार स्थानीय दूरदर्शन से भी। कुछ एक साझा संकलनों में कविताएं प्रकाशित। पत्र-पत्रिकाओं की भी कभी-कभी कृपा हो जाती है ।

 

matruadmin

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।