सुभाष चंद्र बोस जी से  कौन न होगा परीचित जन्म हुआ 23 जनवरी 1897 को  उड़ीसा प्रांत के नगर कटक में पिता थे उनके  रायबहादुर जानकी नाथ बोस नगर पालिका और जिला  परिषद के थे वो प्रधान नामी गिरामी वकील व अंग्रेजो के भक्त थे ज्यादा  इच्छा थी बेटा आईसीएस […]

सांसों के कारोबार में हमको झोंक दिया ना मां की चित्कार सुनी ना शिशु का रूदन ना कोई प्रशिक्षण दिया ना कोई प्रशिक्षण सांसों के कारोबार में हमको झोंक दिया कुछ कर गुजरने की तमन्ना नहीं थी दिल मै पेट की आग ने क्या क्या करवा लिया रोज सजती थी […]

बिस्तर पर नींद नहीं आती अर्थी बनवाया दो यारो फूलों से काम नहीं चलेगा अंगारों पर सुला दो यारो आशियाने की दीवार पर अपनी तस्वीर छोड़ कर मैं सोना चाहता हू कफ़न ओढ़ कर यार दो स्तो कफन‌ बने मेरा तिंरगा प्यरा यही है आरज़ू अपनी सरहदें लहू मांगती है […]

भावनाओं के रथ पर सवार। बहुत कुछ कहती हैं दीवार। उगलकर शोला और आग, कर देती है आंगन के दो भाग। मन के कोने पर करारा प्रहार। भावनाओं के रथ पर सवार। बहुत कुछ कहती है दीवार। बिखरते बंधन टूटती आस्था, दिखता नहीं कोई भी रास्ता। बजते नहीं अब दिलों […]

चले थे..साथ हम… नन्हें-नन्हें से क़दम। साथ ही खुशियाँ भी, निच्छ्ल था तन-मन.. वह निराला था बचपन॥ समय में ऐसे आँजे, चूर हुए सपने साँझे। बड़ा हुआ कद साया, अहं आकर टकराया। अंतर्मन को उलझाया, राहें विषम..समझाया॥ छतरी अपनी अलग हुई, भिगो भीतर मलिन हुई। कीचड़-सी बरसात हुई, सुथरी तस्वीर […]

वैदिक युगीन..संपूर्ण..इक विज्ञान है योग, श्वांस-प्रश्वांस का समुचित संधान है योग। स्वस्थ एक प्रक्रिया संबलपूर्ण हर आसन… तन-मन और आत्मा का संविधान है योग॥                                                     […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।