हिंदी के कुलदीपक…. भारतेंदु

0 0
Read Time2 Minute, 14 Second
mangal pratap
गिरिधर गोपालदास की छत्रछाया में पले-बढ़े थे,
अल्पायु में ही दीखलाया चतुर्दिशा का हर एक बिंदु।
हिंदी, हिंदू ,हिंदुस्तान का उद्घोष किया,
कहलाये आधुनिक हिंदी के पितामह भारतेंदु।।
हिंदी भाषा की नींव रखी,
रीतिकालीन गलियारों से।
मातृभाषा की सेवा में लगे,
तन-मन-धन हृदय विकारों से।।
हिन्द के हिंदी कुलदीपक थे,
निज भाषा के अनमोल उद्घोषक थे।
अल्पायु में ही अमर हो गए,
ऐसे हिन्द के अमर हिंदी संयोजक थे।।

#मंगल प्रताप चौहान

परिचय:  मंगल प्रताप चौहान जी की जन्मतिथि-२० मार्च १९९८ और जन्मस्थली सोनभद्र की पृष्ठभूमि ग्राम अक्छोर, राबर्ट्सगंज (जिला-सोनभद्र ,उप्र) है। राबर्ट्सगंज सोनभद्र के आदर्श इण्टरमीडिएट कालेज से आपने  हाईस्कूल व इण्टरमीडिएट की शिक्षा लेकर काशी हिन्दू विश्वविद्यालय, वाराणसी से बी०काम व यू०जी०डी०सी०ए० की शिक्षा प्राप्त किया। ततपश्चात डी०एल०एड० करके अध्यापन के साथ साथ साहित्य क्षेत्र में आप कार्यरत हैं। इसके अलावा एनसीसी,स्काउट गाइड व एनएसएस भी आपके नाम है। आपका कार्यक्षेत्र अध्यापन, लेखन एवं साहित्यिक काव्यपाठ के साथ साथ सामाजिक कार्यकर्ता एवं समाज में व्याप्त नकारात्मक ऊर्जाओं को अपने कलम की लेखनी से उखाड़ फेंकने का पूर्ण रूप से आत्मविश्वास है।अब तक बहुत ही कम समय में आपके नाम कई कविताओं व सकारात्मक विचारों का समावेश है।अब तक आपकी दर्जनों भर रचनाएं हरियाणा, दिल्ली ,मध्यप्रदेश, मुम्बई व उत्तर प्रदेशसे प्रकाशित हो चुकी हैं।

matruadmin

Average Rating

5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Next Post

जीवन एक छलावा

Mon Sep 10 , 2018
जीवन मे हर पल छला-छला सा लगता है। आईने में अपना चेहरा धुन्दला सा लगता है।। बारिश से बचने के लिए सहारा लिया था छत का। ध्यान दिया तो वो भी खुला खुला सा दिखता है।। अत्यधिक उम्मीदों को बनते बिगड़ते देखा है। कुछ छलावों से खुद को दिन में […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।