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कितने चेहरे बदलोगे
दिन में अलग रात में अलग
तुम कितने चेहरे बदलोगे
इंसान हो कि गिरगिट हो
पल पल चेहरे बदलोगे
हर चेहरा कुछ बयां करेगा
कुछ अच्छा कुछ बुरा करेगा
खुदगर्ज़ी के सारे सबूत
परत दर परत खोलेगा
जुबां पर गुनाह के चिठ्ठे
वो हर हाल में बोलेगा
कितने चेहरे बदलोगे….
वक़्त का पहिया रुकता नहीं
गुनाह आईना बन जायेगा
जो किये घोर पाप तुमने
आईना सच दिखलायेगा
अब अधिक न सोचो
चेहरे बदलना भूल जाओ
रब ने दी सूरत तुम्हें प्यारी
असक चेहरे में खो जाओ
पाप की काली कमाई
और पाप की भारी गठरी
ये दोनों जीते जी मार लेती
इसलिए इनसे ऊपर उठो
परहित को पहचानो अब
कितने चेहरे बदलोगे
कवि राजेश पुरोहित
#राजेश कुमार शर्मा ‘पुरोहित’
परिचय: राजेश कुमार शर्मा ‘पुरोहित’ की जन्मतिथि-५ अगस्त १९७० तथा जन्म स्थान-ओसाव(जिला झालावाड़) है। आप राज्य राजस्थान के भवानीमंडी शहर में रहते हैं। हिन्दी में स्नातकोत्तर किया है और पेशे से शिक्षक(सूलिया)हैं। विधा-गद्य व पद्य दोनों ही है। प्रकाशन में काव्य संकलन आपके नाम है तो,करीब ५० से अधिक साहित्यिक संस्थाओं द्वारा आपको सम्मानित किया जा चुका है। अन्य उपलब्धियों में नशा मुक्ति,जीवदया, पशु कल्याण पखवाड़ों का आयोजन, शाकाहार का प्रचार करने के साथ ही सैकड़ों लोगों को नशामुक्त किया है। आपकी कलम का उद्देश्य-देशसेवा,समाज सुधार तथा सरकारी योजनाओं का प्रचार करना है।
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Sat Aug 4 , 2018
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