आदर्श 

0 0
Read Time2 Minute, 15 Second
cropped-cropped-finaltry002-1.png
सुमन रोती हुई बाहर निकली थी, आज उसके आदर्श हीरो ने ही उसकी इज्जत पर हाथ डालने की कोशिश की थी। माँ तो बहुत समझाती थी कि ये हीरो लोग ओर ख़ासकर जिसको तुम आदर्श मान रही हो ठीक नही है, लेकिन जवां हसरतों के आगे सुमन को कुछ नही सूझता था, सूझता था तो बस अपने आदर्श हीरो से मिलना। बड़े मिन्नतों और टाइम के बाद उसके आदर्श हीरो ने आज उसे टाइम दिया था और अपने होटल में बुलाया। सुमन के पैर तो जमीन पर ही नही थे और हों भी क्यों न आखिर उसके आदर्श हीरो ने जो बुलाया था। सुमन सजधज के पहुंची। हीरो ने उसे देखते ही आधुनिक स्टाइल में हग किया और उसके शरीर पर हाथ फेरा। सुमन को लगा कि ये तो आम बात है। लेकिन हीरो ने उसके सामने ही जब शराब पी तो सुमन ने कहा ‘आपने तो एक इंटरव्यू में कहा था कि आप शराब और सिगरेट को हाथ नही लगाते लेकिन आप तो पी रहे है?’ इस पर हीरो हंसा ओर बोला ‘बेबी हम समाज के सामने कुछ और पीछे कुछ और है, ये सब छोड़ो ओर आओ वो करें जिसके लिए तुम मुझसे मिलने को तड़प रही थी’ सुमन के नीचे से जमीन खिसक गई। उसके कानों में सीटियां बज रही थी और उसके आदर्श के बोल उसके कान में गर्म पिघले शीशे की तरह घूम रहे थे। सुमन ने अब अपनी इज्जत बचाने की सोची। हीरो उसकी तरफ बढा तो सुमन तेजी से कमरे से बाहर भागी। हीरो आवाज देता रह गया। सुमन तेजी से होटल से बाहर आ गई। आज उसके झूठे आदर्श से पर्दा उठ गया था। उसने अपने आंसू पोंछे और अपनी माँ की बातों को याद करने लगी। अब वह शांत थी और जल्दी से जल्दी अपनी आदर्श माँ से मिलना चाहती थी।
राजेश मेहरा
नई दिल्ली

matruadmin

Average Rating

5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Next Post

जूठन, कभी नहीं

Sat Aug 4 , 2018
गुंजन की दो दिन पहले ही शादी हुई है, सारे मेहमान जा चुके हैं, आज सिर्फ घर के ही लोग हैं। दोपहर का समय है। डायनिंग टेबल  से गुंजन के सास ससुर ,जेठ और पति खाना खा कर उठ जाते हैं और जूठी प्लेट को वहीं छोड़ देते हैं। ये देखकर […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।