बहादुरगढ़ | `हिन्दी दिवस` के अवसर पर ‘आजादी के ७० वर्ष और हिन्दी की दशा’ विषय पर दिल्ली में विचार गोष्ठी कार्यक्रम किया गया। इसमें करुणेश वर्मा ‘जिज्ञासु’ ने हिन्दी भाषा की प्रासंगिकता,प्रमाणिकता और वैज्ञानिकता है अद्वितीय बताया तो स्वयंसेवी संस्था ‘स्नेह’ की दिल्ली प्रदेश संयोजिका ने अपने ओजस्वी शब्दों […]

  दिल्ली। दिल्ली शहर वैसे तो सत्ता के केंद्र बिन्दु के रूप में जाना जाता रहा है,पर दिल्ली में साहित्यिक हलचल भी सदैव बनी रहती है। दिल्ली साहित्य के बड़े आयोजन का शहर है,ऐसा ही भव्य किन्तु सादगीपूर्ण आयोजन साहित्यिक क्षेत्र में अपना विशिष्ट स्थान रखने वाली संस्था भारतीय साहित्य […]

नीदरलैंड देश में ग्रीष्मावकाश को `समर वैकेंसी` और ग्रीष्म समय को ‘समर टाइद’ कहते हैं क्योंकि इस भाषा में समय के लिए `टाइद` शब्द का प्रयोग होता है। ग्रीष्म ऋतु के शुरू होते ही ग्रीष्म समय और अवकाश का खुमार यहां के जीवन में शुमार हो जाता है। उसका एक […]

 डॉ. मनोहर भण्डारी…….. मातृभाषा किसी व्यक्ति,समाज,संस्कृति या राष्ट्र की पहचान होती है। वास्तव में भाषा एक संस्कृति है, उसके भीतर भावनाएं, विचार  और सदियों की जीवन पध्दति समाहित होती है। मातृभाषा ही परम्पराओं और संस्कृति से जोड़े रखने की एकमात्र कड़ी है। राम-राम या प्रणाम आदि सम्बोधन व्यक्ति को व्यक्ति से तथा समष्टि से जोड़ने वाली सांस्कृतिक […]

हिन्दी प्रतिष्ठापन के लिए हरियाणा सरकार के मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर को पत्र लिखा गया हैl इसका विषय-हरियाणा सरकार के मंत्रालयों,विभागों,कार्यालयों,संगठनों आदि की ‘वेबसाइटें’ हिन्दी में न होकर अंग्रेजी में होना बताया है। वैश्विक हिन्दी सम्मेलन की तरफ से डॉ.महेशचन्द्र गुप्त(मुख्य परामर्शदाता) ने शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास का २७ जुलाई का […]

प्रो. देविदास प्रभु….. बेंगलुरु में जो हिन्दी का विरोध हुआ है,उसका कारण अंग्रेजी पंडितों द्वारा किया जा रहा झूठा प्रचार हैl अंग्रेजी पंडित कहते हैं-`हिन्द राष्ट्र भाषा नहीं है,२२ राजभाषाओं में से एक है,संविधान ने सभी भाषाओं को बराबर का दर्जा दिया है,मगर संविधान के विरुद्ध एक भाषा हिन्दी को […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।