संपादक – डॉ. नरेश कुमार सिहाग (एडवोकेट) व अतिथि संपादक धनंजय चौहान मंगलमुखी के श्रेष्ठ संपादन में प्रकाशित बोहल शोध मंजूषा का साहित्य, समाज और किन्नर विशेषांक बहुत ही सुंदर बन पड़ा है | करीब 260 प्रष्ठों का फुल साइज में आकर्षक आवरण पृष्ठ के साथ बेहद ज्ञानवर्धक सामग्री से […]

“लोक मंगल परंपरा रिवाजों का परिचय कराती है क्षेत्रीय बोलियां” नीर नवीन कुमार भट्ट नीर :- साहित्य संगम संस्थान दिल्ली द्वारा प्रत्येक माह के प्रथम रविवार को आयोजित बोली संवर्धन ऑनलाइन वीडियो कवि सम्मेलन का आयोजन किया जाता है जिसमें विभिन्न प्रांतों के क्षेत्रीय भाषा पर काव्यमयी प्रस्तुति के लिए […]

भारतीय साहित्य की अग्रहणि साहित्यिक ‘राष्ट्रीय आंचलिक साहित्य संस्था’ (रजि-HR06D0004086) की छं वी स्थापना दिवस मनाया गया! इस संस्था की स्थापना 3 जनवरी 2016 को हुई थी तब से साहित्य की ओर अग्रसर है ! दिन-दूना , रात- चौगुना सफलता की सीढ़ी चढ़ रही है ! इस संस्था की स्थापना […]

इंडिया को भारत बनाने की ओर अग्रसर होने की आवश्यकता-देवेंद्र सिंह इंदौर। नए स्थापत्य के लिए संघर्ष व मेहनत आवश्यक है, जिसका शुभारंभ घर से होना चाहिए। हमें इंडिया को भारत बनाने की ओर बढ़ना है वरना वो दिन दूर नहीं जो दु:खद होगा, जब हिन्दी को भारत में स्थापित […]

देश – विदेश में ख्याति प्राप्त, वैदिक विद्वान, प्रखर वक्ता आचार्य वेद वागीश जी छ: जनवरी को साहित्य संगम संस्थान हिमाचल प्रदेश की इकाई के उद्घाटन समारोह में आयोजित महागुरुदेव डॉ राकेश सक्सेना पूर्व विभागाध्यक्ष जवाहरलाल नेहरू डिग्री कॉलेज एटा उ०प्र० के अभिनंदन समारोह के शुभ अवसर पर देश के […]

हिसार | नवोदित लेखकों को मंच प्रदान कराने के उद्देश्य से पिछले इक्कीस साल से चलाए जा रहे मासिक काव्य गोष्ठी कार्यक्रम के अन्तर्गत नगर की प्रमुख साहित्यिक एवं सामाजिक संस्था प्रेरणा परिवार की मासिक काव्य गोष्ठी स्थानीय टाऊन पार्क में संस्था निदेशक शुभकरण गौड़ की अध्यक्षता में आयोजित की […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।