नारनौल। नागरी लिपि विश्व की सर्वश्रेष्ठ वैज्ञानिक लिपि तो है ही, यह विभिन्न भाषाओं को भी आपस में जोड़ती है। यह कहना है नेपाल प्रज्ञा प्रतिष्ठान, काठमांडू के कुलपति गंगाप्रसाद उप्रेती का। मनुमुक्त ‘मानव’ मेमोरियल ट्रस्ट द्वारा गत शाम आयोजित ‘अंतरराष्ट्रीय ई- नागरी लिपि सम्मेलन’ में बतौर मुख्य अतिथि उन्होंने […]

सिर्फ़ शंभु ही स्वयम्भू हैं जहाँ में- गौरव साक्षी हर बालक हो महाकाल-सा, बेटी स्वयं भवानी हो- हिमांशु हिन्द इंदौर। शहीद भगत सिंह, सुखदेव व राजगुरु के शहादत दिवस के उपलक्ष्य में साहित्य अकादमी मध्य प्रदेश के उपक्रम पाठक मंच, इंदौर इकाई एवं मातृभाषा उन्नयन संस्थान के साझा प्रयासों से […]

संस्था व्यंग्यम् के तत्वावधान में होली के अवसर पर वार्षिक कार्यक्रम ऑनलाइन काव्य सम्मेलन “फाग फुहार” का आयोजन किया गया । कार्यक्रम की शुरुआत कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे रंजीत सारथी ने सरस्वती वंदना से की । कवि सम्मेलन में रचनाकारों ने सस्वर काव्य पाठ कर होली के अवसर पर […]

भाषाई पत्रकारिता के सबसे बड़े आधार स्तंभ स्व. प्रोफेसर कमल दीक्षित एक प्रयोगधर्मी, रचनाधर्मी और विकासगामी पत्रकारिता के पैरोकार थे। वे एक सहज, सरल इंसान थे और पत्रकारिता के चलते-फिरते स्कूल थे। वे फक्कड़ पत्रकार और मूल्य आधारित पत्रकारिता में सबसे अग्रणी थे। आंचलिक पत्रकारिता को बढ़ावा देने में उनका […]

जयपुर । श्री अग्रसेन भवन, जयपुर में दो दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन बोहल शोध मंजूषा, विलक्षणा एक सार्थक पहल व इंडो यूरोपियन लिटरेरी डिस्कोर्स (यूक्रेन) के संयुक्त सौजन्य से किया गया । प्रथम दिवस में विभिन्न विषयों को लेकर सेमिनार का आयोजन हुआ, जिसमें देश- विदेश के शोधार्थियों व विद्वानों […]

खड़गपुर | संसदीय चुनाव 2019 में भारतीय जनता पार्टी की झोली भर देने वाला जंगल महल चंद महीनों बाद ही इतना उदासीन क्यों है । इस उदासीनता का कैसा प्रभाव आसन्न विधानसभा चुनाव परिणाम पर पड़ेगा । जंगल महल की राजनीति में इन दिनों मुख्य रूप से इन्हीं सवालों के […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।