शहीद दिवस पर कवि सम्मेलन आयोजित

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सिर्फ़ शंभु ही स्वयम्भू हैं जहाँ में- गौरव साक्षी

हर बालक हो महाकाल-सा, बेटी स्वयं भवानी हो- हिमांशु हिन्द

इंदौर।

शहीद भगत सिंह, सुखदेव व राजगुरु के शहादत दिवस के उपलक्ष्य में साहित्य अकादमी मध्य प्रदेश के उपक्रम पाठक मंच, इंदौर इकाई एवं मातृभाषा उन्नयन संस्थान के साझा प्रयासों से गौतमपुरा में आज़ादी के अमृत महोत्सव कार्यक्रम के अंतर्गत काव्यांजलि कवि सम्मेलन का आयोजन स्थानीय लार्ड रामा हाई सेकेंडरी स्कूल में हुआ, जिसमें मुख्य अतिथि नगर परिषद गौतमपुरा के अध्यक्ष चैतन्य भावसार व मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ रहे।

सर्वप्रथम अतिथियों द्वारा दीप प्रज्वलन किया तत्पश्चात अतिथि स्वागत किया गया एवं गर्मियों के मद्देनज़र अतिथियों एवं कवियों को मिट्टी के सकोरे दिए गए ताकि पक्षियों के लिए इसमें पानी रखा जा सके।

कवि सम्मेलन में प्रथम कवि गौतमपुरा के गोपाल माली रहे, जिन्होंने माँ पर कविता पाठ करते गए नेताजी सुभाष चंद बोस के बारे में कविता पढ़ी और कहा कि ‘हमारे दिल की धड़कन में आज भी नेताजी सुभाष ज़िन्दा हैं।’ इनके बाद गौतमपुरा के ही धीरज पाटीदार ने काव्य पाठ किया, उनकी कविता ‘एक ओर माँ का आँचल, एक ओर क्रांतिकारियों के सर हो गए’ ने ख़ूब तालीयाँ बटोरी। इसके बाद कवि धीरज ने बच्चों से आह्वान किया कि ’24 घंटे में से केवल 52 सेकण्ड राष्ट्रगान के नाम कीजिए।’

कवि सम्मेलन को ऊर्जा प्रदान करते हुए इंदौर के गीतकार गौरव साक्षी ने कुछ मुक्तक सुनाए, इसके बाद हिन्द की सेना जैसे सवैया छन्द सुनाए, इसके बाद विशेष माँग पर उनका हस्ताक्षरीय शिव गीत सुनाया गया जिसमें गौरव लिखते हैंकि ‘सिर्फ़ शंभु ही स्वयम्भू है जहाँ में, हर किसी का कोई न कोई जनक है। आदि के आदि से है अस्तित्व में शिव, और शिव ही अंत के भी अंत तक हैं।’ इनके बाद उक्त कवि सम्मेलन में झाबुआ से आए कवि हिमांशु भावसार हिन्द ने काव्य पाठ किया और शहीदों पर लिखे मुक्तक और गीतों से समा बांध दिया। उन्होंने शब्द की अधिष्ठात्री का आह्वान करते हुए पढ़ा कि ‘हर बालक हो महाकाल-सा, बेटी स्वयं भवानी हो।’

कवि सम्मेलन का शिखर कलश संचालक और गौतमपुरा के वरिष्ठ कवि पंकज प्रजापत ने रखते हुए सैनिक की शहादत के बाद उसके बेटे के प्रथम जन्मदिन की व्यथा सुनाते हुए पढ़ा कि ‘सोचा था केक चॉकलेट और गुब्बारे लाओगे। बाजार से मेरी पसंद के खिलोने सारे लाओगे, पर आप अपनी पसंद का उपहार चंगा ले आये, और मेरे पहले ही जन्मदिन पर तिरंगा ले आये।’

काव्य पाठ के उपरांत अतिथियों ने सभी कवियों को स्मृति चिह्न भेंट किए।

इस वर्ष साहित्य अकादमी, मध्यप्रदेश द्वारा स्वतंत्रता दिवस की हीरक जयंती वर्ष पर आज़ादी का अमृत महोत्सव मनाया जा रहा है, जिसमें अकादमी के सभी पाठक मंच आयोजन कर शहीदों को याद कर रहे हैं। इसी तारतम्य में पाठक मंच, जिला इंदौर इकाई ने भी मातृभाषा उन्नयन संस्थान के साथ मिलकर काव्य अनुष्ठान किया।

ज्ञात हो कि मातृभाषा उन्नयन संस्थान का ध्येय हिन्दी का प्रचार-प्रसार कर राष्ट्र जागरण करना है और मध्यप्रदेश साहित्य अकादमी भी इसी लक्ष्य के साथ आगे बढ़ी है। इस तरह के आयोजनों से नई पीढ़ी का अपने शहीदों के प्रति आदर भाव भी अभिव्यक्त हुआ। विद्यालय के बच्चों के बीच हुए इस काव्य अनुष्ठान का ध्येय बच्चों में संस्कृति के प्रति आदरभाव का बीजारोपण रहा।

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Wed Mar 24 , 2021
खान मनजीत भावड़िया मजीद गांव भावड तह गोहाना सोनीपत हरियाणा Post Views: 756

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।