शिक्षा की भाषा,दैनंदिन कार्यों में प्रयोग की भाषा,सरकारी काम-काज की भाषा के रूप में हिन्दी को उसका जायज गौरव दिलाने के लिए अनेक प्रबुद्ध,हिन्दीसेवी और हितैषी चिंतित हैं और कई तरह के प्रयास कर रहे हैं,जनमत तैयार कर रहे हैं। समकालीन साहित्य की युग-चेतना पर नजर दौड़ाएं तो यही दिखता […]

रक्षा बंधन के पावन पर्व की धूम अभी शांत नहीं हो पाई थी कि, ‘चंडीगढ़ की वर्णिका कुंडू’ का पीछा किन्हीं राजनेता के सुपुत्र द्वारा किए जाने की घटना आज हर तरफ फैली हुई है। ऐसा नहीं है कि-यह कोई पहली घटना है। रोज़ाना ऐसी शर्मसार करती,और बड़े शहरों-महानगरों मे […]

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आखिर भारतीय सेना में महिलाओं को युद्ध में कंधे से कंधा मिलाकर लड़ने की अनुमति मिल गई,ये खबर जब पढ़ी तो उन महिलाओं का जीवन और संघर्ष याद आ गया, जो अपनी चुनी राह पर चलने के लिए आज भी अपने घर परिवार और समाज से संघर्ष कर रही है। […]

प्रतिदिन सोशल मीडिया पर नारी की फटी-चीथड़ी,आंखों में आंसू और गोद में बिलखते बच्चों की तस्वीरों और अत्यन्त दारूण सामग्री को देखते-देखते मैं थक चुकी हूँl ऐसा नहीं कि,मैं समाज में हो रहे नारी शोषण की पक्षधर हूँ। मैं भी एक नारी हूँ,और इस तरह की नारी के प्रति हो […]

अंग्रेजी की अनिवार्य पढ़ाई हमारे बच्चों को कैसे तबाह कर रही है, उसके दो उदाहरण अभी-अभी हमारे सामने आए हैं। पहला तो हमने अभी एक फिल्म देखी, ‘हिन्दी मीडियम’ और दूसरा इंडियन एक्सप्रेस में आज दिव्या गोयल का एक लेख पढ़ा, जिसका शीर्षक था- ‘इंगलिश विंगलिश’! ‘हिन्दी मीडियम’ नामक इस […]

खोज रहा जग कौतुक से , दिन रात सदा पर पा न सका है। मंदिर मस्जिद शीश झुका, कर ईश खुदा तक जा न सका है। लोभ बसा उर में गहरा, इक प्रेम सिवा सब साथ लिए है। गूढ़ बना मति मूढ़ रहा, उपदेश सुना जग माथ लिए है।। प्रीति […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।