150 वें जन्मशती वर्ष में वैचारिक भाव सुमन महात्मा गांधी के व्यक्तित्व,कृतित्व और अवदान पर आज भी लेखकों की लेखनी रूकी नहीं है, कवियों और वक्ताओं की वाणी थमी नहीं है। चिंतकों की चिंतनधारा कुंद या मंद नहीं हुई है। कर्मनिष्ठा,भावनिष्ठा और त्यागनिष्ठा को चरितार्थ कर गांधी ने एक ऐसी […]

सदी के सितारे डॉ देवेन्द्र जोशी की एक विशिष्ट कृति है। जिसमें देश के 23 विशिष्ट व्यक्तित्वों पर उनके आलेख समाहित हैं। इस पुस्तक में जिन विभूतियों पर डॉ जोशी ने कलम चलाई है वे कहीं न कहीं भारतीय जन मानस पर अपनी अमीट छाप छोड़ते हैं। डॉ जोशी की […]

पुस्तक समीक्षा  पुस्तक का नाम- साहित्य समिधा (पद्य – गद्य संग्रह)  मुख्य संपादक – श्रीमती ममता बनर्जी ‘मंजरी’ मुख्य वरिष्ठ संपादक – डॉ अवधेश कुमार ‘अवध’  प्रबंध संपादक –  डॉ अरुण कुमार ‘सज्जन’  सर संपादक – डॉ अनुज कुमार                     श्री […]

पुस्तक समीक्षा…… उर्दू पत्रकारिता की अहमियत से किसी भी सूरत में इंकार नहीं किया जा सकता. पत्रकारिता का इतिहास बहुत पुराना है. या यूं कहें कि जब से इंसानी नस्लों ने एक-दूसरे को समझना और जानना शुरू किया, तभी से पत्रकारिता की शुरुआत हो गई थी. उस वक़्त लोग एक-दूसरे से […]

डा प्रभात कुमार प्रभाकर नई नस्ल के हिन्दी के ऊर्जावान लेखक  हैं. इस बात का अंदाज़ा इसी से लग जाता है कि इस नये साल में ही अज्ञेय पर उनकी दूसरी और कुल चौथी पुस्तक है. अज्ञेय विचार और विमर्श डा प्रभात कुमार प्रभाकर, और डा सत्यदेव प्रसाद के सन्युक्त सम्पादन […]

 सहयोग प्रकाशन जमशेदपुर से प्रकाशित यात्रा वृत्तांत सफर श्रृंखला पुस्तक डॉ आशा श्रीवास्तव द्वारा लिखी गई बेहद रोचक, ज्ञानवर्धक एवं सारगर्भित हिंदी की रचना है l इस पुस्तक की भाषा इतनी सरल है कि विद्यालय में पढ़ने वाले छोटे-छोटे छात्र भी पढ़ कर आसानी से समझ सकते हैं l इस […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।