मेरे घर दूसरी पोती होने पर तमाम रिश्तेदार इकट्ठे हुए। तरह-तरह से बधाई देने लगे,जिसमें मुझे बधाई से ज्यादा सांत्वना का पुट लग रहा था। कुछ ने कहा-घर में लक्ष्मी आई है,कुछ ने कहा-बड़ी बहन की सहेली आई है,कुछ न कुछ कह-कहकर वे अपनी भावनाएं व्यक्त कर रहे थे। मेरी […]

रेखा मोहल्ले की सबसे सुंदर लड़की थी। हर कोई उसके लिए जान देने को तैयार था। रेखा को पढ़ने का शौक था। वह मनोविज्ञान की प्राध्यापक बनना चाहती थी। उसका मानना था कि,समाज में बहुत से लोग मानसिक बीमारी का शिकार हैं,लेकिन उसे नहीं मालूम था कि,लोगों की मानसिकता को बदलना […]

अभी छह महीने पहले ही आत्मविश्वास से लबरेज़ मिठाई की दुकान वाले लालाजी की जुबान पर एक ही बात चढ़ी रहती थीl अपने घनिष्ट मित्रों से वो कहते नहीं थकते थे कि-`अपनी छोरी को प्राइवेट से बी.ए. पास हुई गयो हैl अब ई के हाथ पीलो करी देनो हैl एक […]

आज रमेश अपनी पूरी पढ़ाई करके अपना घर पहुँच गया था,उसे ऩौकरी की चिंता थी। उसके साथ बहुत सारे दोस्त थे जो बेरोजगार ही थे। ये लोग एकसाथ बैठते और जिन्दगी के ताने-बाने बुनते थे। रमेश भी कभी आशा-कभी निराशा के बीच अपने आप को पाता। सभी दोस्त अखबार के […]

विजयादशमी के दिन रावण दहन देखने के लिए विशाल जनसमुदाय उत्सुकतापूर्वक इंतजार कर रहा था कि, कब तीर रावण को लगे,और रावण का अंत हो। मैं भीड़ से अलग खड़ा भीड़ के बारे में सोच रहा था कि,ये लोग यहाँ नकारात्मक शक्तियों और सोच के प्रतीक रावण का दहन चाहते […]

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बी.डी. व्यास जी की धर्मपत्नी बड़ी शक्की मिजाज थीं। उनके शक की दवा तो हकीम लुकमान के पास भी नहीं थी। व्यास जी को कार्यालय से आने में जरा देर क्या हो जाती, श्रीमती जी अप्रत्याशित प्रश्नों की झड़ी लगा देती। भूले से कहीं ज्यादा देर लग जाती,तो वे कोप […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।