जब तक स्मार्ट फोन नही आए थे – रमेश और सुधा का दाम्पत्य जीवन हँसी – खुशी से बीत रहा था । शादी के इन पांच सालों में छूट पुट घरेलू अनबन को छोड़कर ऐसा कुछ नहीं घटा था जो उनके जीवन में बिखराव का कारण बनता । हर महीने […]

1

मेरी तो खुशी का ठिकाना ही नहीं रहा,  जब मेंने उसको फिर से देखा तो!  मैं एक बार पहले भी उससे मिल चुका था और अब उसे दूसरी बार देख  रहा था !  हम बस में साथ-साथ  बैठकर  गाँव गए थे ! बस में ही  हमारी पहली मुलाकात हुई और […]

वह दो साल से पैंतीस हजार का कर्ज लेने के लिए बैंक के रोज चक्कर काट रहा था। उस गरीब का सपना बस एक परचून की दुकान थी,पर बैंक वाले रोज कोई न कोई कहानी सुनाकर उसे टरका देते। एक दिन किसी ने उसे एक तरकीब सुझाई। अगले दिन वह […]

 प्रज्ञा को रिसेप्शन हॉल में बिठाकर नितिन न जाने किधर गुम हो गए. प्रज्ञा उस डेकोरेटेड हॉल और उसमें विचरती रूपसियों को देखकर चमत्कृत-सी हो रही थी. कहां तो आज अरसे बाद वह थोड़े ढंग से तैयार हुई थी. नीली शिफ़ॉन साड़ी के साथ मैचिंग एक्सेसरीज़ में ख़ुद को दर्पण […]

उसका हिंदी के प्रवक्ता पद पर अनुमोदन विश्वविद्यालय के निर्धारित सरकारी प्रवक्ताओं ने कर दिया। फिर फोटोबाजी हुई। सेल्फ फाइनेंस कालेजों के रिवाज और विश्वविद्यालय के मिजाज के अनुसार अनुमोदन करने वाली टीम को पांच -पांच हजार के पैकेट कालेज के प्रबंधक ने सौंपे। सभी धीरे- धीरे अपनी जेबो में […]

रमेश बचपन मे जब चिराग के जिन्न की कहानियां पढ़ता था तब ऐसा लगता था कि काश ये चिराग कही से मिल जाये तो मजा आ जाये। बचपन मे सपने भी ऐसे ही आते थे जैसे काया कल्प करने वाला जिन्न बस जीवन मे मिलने ही वाला है।पर सपने कहाँ […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।