“आज गुप्ताजी के यहाँ उनके बेटे के जन्मदिन की पार्टी है। रागिनी ने जाने के लिये हाँ तो कह दिया किन्तु उसके मन में एक अनजाना सा भय समाया हुआ था।गुप्ताजी उसके पति राहुल के दोस्त भी और साहब भी।गुप्ता जी के रहन-सहन का स्तर उसके सामने […]

” बाबा ! ऐसा मत करिए. वे जी नहीं पाएंगे,” बेटी ने अपने पिता को समझाने की कोशिश की. ” मगर, हम यह कैसे बरदाश्त कर सकते हैं कि हमारी बेटी अलग रीतिरिवाज और संस्कार में जीए. हम यह सहन नहीं कर पाएंगे. इसलिए तुम्हें हमारी बात मानना पड़ेगी.” ” […]

बात मार्च माह की है,जब सर्दियों का मौसम धीरे-धीरे खिसक रहा था और ग्रीष्म ऋतु दहलीज पर थी। विवान अपनी कक्षा 12वीं की परीक्षाओं की तैयारियों में पूरी तरह से व्यस्त था,क्योंकि विवान ने पहले से निश्चय कर लिया था की इस वर्ष कक्षा 12वीं वह प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण […]

माँ मुझे चीखें सुनाई आ रही है। कौन रो रहा है , क्यों रो रहा है? अभी तुम छोटी हो फिर भी समझने की कोशिश करो हमारे बहुत सारे सैनिक मर गए हैं। मेरी बेटी अंधी थी उसे कुछ दिखता नहीं था। मात्र आठ साल की है। ब्रेल लिपि पढती […]

“मम्मा! नाना जी का कॉल आया था,” वॉकिंग से लौटी गीता से घर में घुसते ही तनुज ने कहा। “क्या कह रहे थे नानाजी?” “मेरे फोन उठाने तक तो कट गया, मुझे पासवर्ड नहीं पता तो कॉल बैक भी नहीं कर पाया,” फोन में पासवर्ड डालने की भड़ास को ज़ाहिर […]

दीदी जी मेरे पति की तबियत बहुत खराब है,ओर साहब ने मुझे पिछले दो माह से तनख्वाह भी नही दी है।अगर आप अभी कुछ पैसे दे सके।कजरी इसके आगे कुछ कह पाती उसके पहले ही मालकिन बोली,मेरे पास पैसे कहाँ है।तेरे साहब बाहर गए है,वो एक दो दिन में वापस […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।