नाजों से पली मधु को शादी से पहले इस बात की भनक तक न थी कि शादी के बाद उसे प्रतदिन रोना पड़ेगा l संयुक्त परिवार की बेटी मधु के आँखों में आँसू देख उसके बड़े ताऊ आसमान सिर पर उठा लेते थे l इसलिए परिवार के सभी बच्चे मधु […]

          राजीव के सब्जी मंडी में आते ही अचानक सब्जी बेचने वालों के बीच में खलबली मच गई।काफी समय से राजीव सब्जी मंडी आता है और हर सब्जी खरीदने में कुछ ना कुछ बहस बाजी करता ही रहता है।          उसे देखकर अब […]

“कौन  कहता  है  आसमाँ  में  सुराख  हो  नहीं  सकता,जरा तबियत  से  पत्थर  तो  उछालो  यारो”,उसने शे’र सुन रखा था,मन मे आया,मैं ग़रीब का बेटा हूँ,इससे क्या हुआ।प्रयास से कुछ भी प्राप्त हो सकता है,शिक्षा का उजियारा भाग्य बदल सकता है।     हम जमकर पढ़ाई करेंगे और अंतरिक्ष विज्ञान का […]

सुबह के आठ बज चुके थे परन्तु मंत्रीजी अभी भी ओंधे मुँह बिस्तर पर पड़े-पड़े अजीबो-गरीब आवाजें निकाल रहे थे | तभी उनका निजी सहायक आ धमका – ‘सरजी-सरजी ! आठ बज गए और आज विश्वयोग दिवस का कार्यक्रम है | आपको मुख्य योगाचार्य की भूमिका निभाने जाना है |’ […]

तीन यात्री बस से सफर कर रहे थे । तीनों अलग – अलग राज्य के निवासी थे । बैठे – बैठे दो यात्रियों में बातें होने लगी । ” भाई मुझे न, बिहार वासी बिल्कुल नहीं भाते हैं । एक तो उनका अक्खड़ स्वभाव , बात-बात में डिंग हाँकने की […]

              मैंने हल्की नाराजगी में उससे कहा -“तुम खुद तो इस दयनीय दशा में मजदूरी करती ही हो अब अपनी 10 साल की बेटी पर भी इतने भारी तसले रखना शुरू कर दिया ! कितना समझाया था तुम्हें इसे स्कूल भेजने के लिए ! […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।