ग़ज़ल में शेर कह करके इशारा कर दिया जाए, कबाहत को गिराया जाए पारा कर दिया जाए। हमारी पीठ भी ख़ंजर की नीयत को समझती है, उसे हुशियार क़ातिल से दुबारा कर दिया जाए। #विवेक चौहान परिचय : विवेक चौहान का जन्म १९९४ में बाजपुर का है। आपकी शिक्षा डिप्लोमा इन […]
काव्यभाषा
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