रेशम के धागों में भरा हुआ बहना का प्यार। भाई के जीवन में राखी अनोखा सुन्दर सा उपहार। रोली तिलक सिर पर लगाकर मुँह मीठे की रस्म निभाकर बाँधी कलाई पर राखी बहना ने। आई सुन्दर सुखद बहार। रेशम के ……। स्नेहिल आँखें सजल हो रही ना कहकर भी बहुत […]

al sharma bohara एक समय मे सुंदर वन मे दो  शेरों मे यारी थी। दोनो की शामिल ताकत की, दहशत  वन में भारी थी । इक शातिर गीदड़ ने अपनी कुटिल युक्ति अजमाई थी । भंग मित्रता हुई शेरों की ठसल बड़ी गरमाई थी। समय बीतता रहा बराबर शक्ति सत्ता […]

मस्तकों के झुन्ड आज मौन है लगा शायद संवेदना भी गौण है लड़ रही थी वो अकेली नग्न तन मानों वसुंधरा की देह सारी कट गई हाँ ! न बची कोई वेदना किसी स्त्री में, न पुरुष बचे न बची कोई नारियाँ कटघरें में अकेली खड़ी थी इंसानियत मानों पहाड़ […]

एक शाम जिंदगी की आज भी ढल जाएगी, फिर से एक रात तुम्हारे बिन ही निकल जायेगी। मायूसियों का दौर मुझे जो तुमने तोहफे में दिया, ऐसा कर के क्या तेरी तकदीर बदल जाएगी। तुमने तो अपना लिया है रुख़सती का सिलसिला, दिल में मिरे फ़िर भी मिलन की उम्मीद […]

हम फिर से आदम बन गए हैं कच्चा मांस फिर पसन्द करने लगे हैं अंतर इतना ही…. पहले जानवर का करते थे अब औरत का शिकार करने लगे हैं कपड़े भी कहाँ सुहाते हैं हमें आजकल? खुद तो दिल,दिमाग से नंगे हैं ही सामने औरत दिख जाए तो उसे भी […]

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.         *कुण्डलिया छंद*  .                  *1*  हरियाली  हर  हार में, पावस  की  मनुहार। प्रिये मिलन उपहार है,  झूलन  का त्यौहार। झूलन  का त्यौहार, सखी सब  संगत झूले। पिय हिय की बतराय,मोद मन ही मन फूले। कहे लाल कविराय,झुलत हिय में वनमाली। सखियाँ समझें और,बसे हरिमन हरियाली। .              *2*  सावन की शुभ तीज है,आइ गये […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।