पहला सावन का सोमवार भोले बाबा का है द्वार शांत मन से की गई पूजा है स्वीकार सब भक्तन का करते बेड़ा पार ओम नमः शिवाय की धुनि रमाए बारंबार………. अर्धचंद्र मस्तक पर विराजे जटा से निकली गंगा की धार गले में सर्पों की माला, भस्म अंग सुहावे पहन मृगछाला, […]
काव्यभाषा
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