कब थमेगा ये सिलसिला, क्या ये बेटियां यूं मरती रहेंगी! बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, बस नारों में दम भरती रहेंगी!! तुम उनका दिल पूछकर देखो, जो अपनी बेटी खो रहे हैं! सरकार खामोश बैठी है और, वो खून के आंसूं रो रहे है!! हवस मिटाकर ना पेट भरा तो, उसकी […]

अंधेरे में उजाला बापू आप हो! पूरे डेढ़ सौ बरस हो गए बापू चाहे जंगल हो या फिर टापू लगातार आपकी ख़ोज जारी है आप नही मिले यह लाचारी है पहले न्याय मंदिरो में मिलते थे जज के पीछे तस्वीरों में सजते थे अब वहां भी तस्वीर बदल गई लगता […]

कैसे छोड़ दू साथ प्रिये ! जीवन की ढलती शामो में, धूप छांव की साथी रही हो मेरे दुख सुख के कामों में।। साथ मरेंगे साथ जिएंगे, ये वादा किया था दोनों ने, क्यो अलग हो जाए हम , जब साथ फेरे लिए थे दोनों ने जर्जर शरीर हो चला […]

बोझ ना समझो बुजुर्गो को तुम, बुजुर्गों से ही है वजूद तुम्हारा। बुजुर्ग ना होते तो तुम कैसे होते, नामों निशान ना तुम्हारा होता। रूखा सूखा खुद ही खा कर, अच्छा भोजन तुम्हे खिलाया। कितनी रातें खुद ना सोए, लोरी गा कर तुम्हे सुलाया। उंगली पकड़कर चलना सिखाकर, अच्छे बुरे […]

“कभी-कभी बहुत छोटी सी बात ग्रंथि बन जाती है जो बाद में किसी न किसी बीमारी के रूप में बाहर आती है इसलिए मन की बात कह देना बहुत जरूरी है ।आज मौका है आपके लिए अगर आप किसी को सॉरी बोलना चहाते हैं तो घबराएं नहीं, कहकर खुद को […]

एक वो जमाना था जिसमें आदर सत्कार था। एक ये जमाना है जिसमें कुछ नहीं बचा। दोनों जमाने में यारो अन्तर बहुत है। इसलिए तो घरों में अब संस्कार नहीं बचे।। मांबाप छ: बच्चों का पालन पोशण कर देते थे। और छ: बच्चे मिलकर मांबाप को नहीं रख पाते। उन्हें […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।