किसी भी राज्य अथवा क्षेत्र का अतीत जानने के लिए उसका प्रगैतिहासिक इतिहास को जाना होगा , क्षेत्र मे विद्यमान पुरातात्विक  अवशेषों और शीलाखण्डों को करीब से निहारना होगा । शीलाखण्डों से ताल्लुकात  रखने वाले तथ्यों की तथ्यात्मक तथ्य और कथानक के संदर्भित संदर्भों को पढ़ना होगा और अध्यन के […]

न जाने कहाँ खो गया वह प्यारा चांद का टुकड़ा, जिसे मैं दिन और रात अपलक निहारता रहता था! जिसके बिना मुझे नहीं मिलता था सुकून एक पल का। आज मुझे फीका-फीका सा लग रहा है चांद भी। और धीरे-धीरे घट रहा है अमावस की तरह और लगता है कि […]

मन,बुद्धि,संस्कार हमारे एक दूसरे के पूरक कहलाये मन इनका राजा बन जाता बुद्धि, मन का हुक्म बजाये मन ,बुद्धि से संस्कार बने जो कर्म रूप में सामने आये मन जिसका निर्मल रहे बुद्धि उसकी सदविवेकी हो जाती सद्कर्मो के जीवन व्रत से आत्मा स्वतः पावन बन जाती। #श्रीगोपाल नारसन परिचय: गोपाल […]

1 जुलाई – सी ए दिवस विशेष* राष्ट्र के नवनिर्माण की बयार है, उद्योग नीति की श्रेष्ठता से हिंदुस्तान में स्वरोजगार चरम पर है, कही छोटी इकाइयाँ संचालित है तो कही वृहद। जीएसटी का बोलबाला हो चाहे वित्तीय सेवाओं की अनिवार्यता, संगठनात्मक तंत्र हो चाहे व्यक्तिगत कर आदि की सहायता, […]

मैं था कहाँ और कहाँ आ कर के बैठा हूँ अपना सबकुछ किसी गैर पर लुटाकर के बैठा हूँ उम्र सदियाँ दौर सब जिसमें मुझको नजर आया था रब उस अजनबी के  इंतजार में सबकुछ गवाकर के बैठा हूँ कुछ भी फसाना था जो कभी तेरे मेरे उस इश्क का […]

जम्मू कश्मीर केवल यहाँ के प्राकृतिक सौन्दर्य के कारण ‘धरती का स्वर्ग’नहीं है अपितु विहिप की प्रबंध समिति का यह स्पष्ट अभिमत है कि यहाँ के तीर्थस्थल, तीर्थयात्राएँ, मंदिर एवं ऐतिहासिक स्थल समग्र रूप से मिलकर ही इस स्वर्ग को अलौकिक रूप प्रदान करते हैं। इन पावन स्थलों के बिना […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।