भाई आप, छत्तीसगढ़िया लगते हैं! जबाब मिला, हाँ,हम छत्तीसगढ़िया हैं। लम्बे समय से, यहीं राजस्थान में हैं। छत्तीसगढ़ से, जयपुर में कमाने खाने हैं॥ हमने कहा भाई, वहां तो बहुत बड़े काम हैं। और वहां पर, बहुत बड़ी फैक्ट्रियां है। तो भी यहां, आखिर क्या कारण है। उसने कहा, शोषण […]

बरकतें अपने साथ लाया था, देकर नेमतें हज़ार जा रहा है॥ साल की लंबी जुदाई देकर, देखो रमज़ान जा रहा है॥ किया था इस्तकबाल जिसका, ख़ुशी और शादमानी से। अश्कों में देकर वो आंसू, आज जा रहा है॥ करकेे फिर मिलने का वादा, तोहफा-ए-ईद दे जा रहा है॥ साल की […]

खेत में ही फंदा लगा करता है वह आत्मघात, खबरें छपती अख़बारों में ,रहते सब चुपचाप। करोड़ों खाते लफंगे,पर किसानों को नहीं माफी, जिंदगी खत्म हो जाती और कर्ज रह जाता बाकी। खाद,बीज की चिंता, ऊपर से महंगाई की मार, विषम परिस्थितियों के आगे,वह जाता है हार। अन्नदाता है जो […]

दर्द से ऊपर निकलना चाहिए ; छिपा जो आनन्द लखना चाहिए। झाँकना सृष्टि में सूक्ष्म चाहिए; चितेरे बन चित्त से तक जाइए। सोचना क्यों हमको इतना चाहिए; हो रहा जो उसको उनका जानिए। समर्पण कर बस उसे चख जाइए; प्रकाशों की झलक फिर पा जाइए। मिला मन को इष्ट के […]

भर आए आँख आँसू,बलिदानी याद आए, ऐसी एक कविता सुनाना चाहता हूँ मैं॥ सुखदेव,राजगुरु और भगतसिंह  जी, कैसे  चढ़े फांसी,ये बताना चाहता हूँ मैं॥ रोज-रोज  लड़  रहे  हम  सब आपस में, ऐसे लोगों को अब जगाना चाहता हूँ मैं॥ देश  में  पनप  रही आतंकवादी बेल जो, उसे  ढूँढ जड़  से […]

              हे मां,तेरी है शान निराली,               आभा अद्भुत चमकत न्यारी। तेरे सारे पेड़ ये झूमें, हवा के शीतल झोंकों से मन भी कंपित-सा होकर भरता पंछी बन उडारी।               हे मां,तेरी […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।