जानकर तेरा पता खुद लापता हूँ आजकल, स्वप्न आँखों में बहुत,सो जागता हूँ आजकल। लाख मंजिल पा के भी फिर लौट घर ही आना है, पीछे रह जाने के डर से भागता हूँ आजकल। मंदिरों-न मस्जिदों से अर्थ है आवाम का, बेचना अखबार है,दंगे छापता हूँ आजकल। मिलन-फागुन-चूड़ी-कंगन पर सभी […]
महाविद्यालय चाहे तो स्नात्कोत्तर पाठ्यक्रम भी शुरू कर सकता हैl राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग ही अब चिकित्सा महाविद्यालय की मान्यता देगा,हर साल चिकित्सा महाविद्यालय को नवीनीकरण हेतु चिकित्सा परिषद् में चक्कर न लगाकर यह आयोग भी मामलों को देखेगाl हर वर्ष का निरीक्षण ख़त्म कर दिया गया है,अब हर दिन ऑनलाइन नजर होगीl ४७९ चिकित्सा महाविद्यालय में से ३५० ऑनलाइन जुड़ चुके हैंl अब राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग […]