मन की बात कहें क्या प्यारे मन का कोई पता नहीं, हुए पराये सभी हमारे मन का कोई पता नहीं! ००० जीवन में कायम हैं अब भी कई तरह के अँधियारे, ढूँढ़ें हम कैसे उजियारे मन का कोई पता नहीं! ००० तन्हाई की बात करूँ क्या वो तो परम संगिनी […]

मैं पैदा इंसान अवश्य हुआ पर शूद्र होना ही मेरी नियति थी सवर्ण समाज से मेरी व्यथित विसंगति थी इतिहास दर इतिहास काल-कलुषित सर्वथा मेरी तिथि थी एकलव्य,कर्ण, चंद्रगुप्त के विजयध्वजों पे भी अपमान की कई सदियों बीती थी किसने अपने स्वेदों में भी शूद्रों को हिस्सा माना है घर,बर्तन,कुएँ, […]

भारत माँ के वीर पुत्र, त्याग की साक्षात् मूर्ति श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी को कुछ मौन से शब्दों में भावपूर्ण श्रद्धांजलि हे भारत के भाग्य विधाता तेरा वैभव अमर रहेगा हे परमाणु के वर दाता तेरा साहस निडर रहेगा मौन रहा मृत्यु का सागर जब तक सांसें अटल रही […]

व्यक्ति नही फ़रिश्ता था उनसे गजब का रिश्ता था जीवन मे उनके कविता थी वाणी मे बहुत मधुरता थी सोच समझकर बोलते थे एक एक शब्द तोलते थे दल से ऊंचा कद था उनका सत्यवादी मन था उनका राष्ट्र के वे सजग नेता थे पत्रकारिता के प्रणेता थे भारत के […]

परम् पूजनीय युगपुरुष , सदी के महानायक हमारे पूर्व प्रधानमंत्री अटलबिहारी वाजपेयी जी को अश्रुपूरित भावभीनी श्रद्धांजलि नमन ॐ शान्ति रो रही है धरती माता  ,                रो रहा सारा आसमान । अटलजी आपके जाने से ,               […]

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कब कौन आ जायेगा कब कौन चला जायेगा कब किसने ये जाना है? कब किसने ये सोचा था? आये हैं जाने के लिये तो फिर इतना क्यो मृत्यु का इतना भय है? खेलो- कूदो इस जीवन का रसपान करो। खुशहाल रहो, खुशहाल करो यही अपना ध्येय रखो जाना है चले […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।