अलस्सुबह के हसीं आफताब जैसा है मेरे महबूब का चेहरा गुलाब जैसा है ======================== उसमें अक्स अपना देखूँ या पढूँ मैं उसे दिल आईना है और बदन किताब जैसा है ======================== डूबती जा रही है मेरी हस्ती कि उसका जैसे एक – एक आँसू सैलाब जैसा है ======================== जिन्हें कल […]