बिटिया अनायास ही मेरे दिमाग को झकझोर कर देने वाला सवाल पूछ उठती है। पापा ; इस धरती पर इंसान की तादात दिन प्रतिदिन सुरसा राक्षसी के मुख की तरह बढ़ती जा रही है। इसके बावजूद धरती पर वनस्पति, वन्य जीव जन्तु विलुप्त होते जा रहे हैं।कई प्रजातियां तो नष्ट […]

मासूम सी कली थी, थोड़ी सी ही खिली थी, की अचानक एक हाथ बढ़ा, जो उसे कुचलने निकला, तब एक चीख निकली थी, पर किसी ने न सुनी थी। फिर वो थोड़ी और खिली, थोड़ी और हुई बड़ी, जमाने मे जब रखा कदम, उसकी महक से खिला संसार हरदम, पर, […]

सुबह-सुबह रमुजिया की झोपड़ी पर नगर निगम के कर्मचारियों ने धावा बोल दिया | दलील थी कि देश के प्रधानमंत्री शहर में दौरे पर आ रहे हैं और उनका काफ़िला इसी मुख्य सड़क से होकर गुजरेगा | वे अगर ऐसी गंदी झोपड पट्टी को देखेंगे तो उन्हें बुरा नहीं लगेगा […]

चुनु – मुन्नू  थे  दो  चूहे  भाई, इधर – उधर  वो  घर  मे  घूमे, रसोई  में  रखे  खाने  को  चूमे, राजू   की   मम्मी   उनसे   घबराई, उन्हें पकड़ने के लिए चूहेदानी लगाई। चुन्नू था दोनों भाइयो में भोला भाला, पिंजरे में रोटी देख उसका मन ललचाया, अंदर जाकर रोटी को जब […]

नजर का बहाव कहूँ या दिल का लगाव कहूँ असर इस कदर हुआ कि अंदाज बदलने लगे। सुरत लाजवाब कहूँ या तारीफे आफताब कहूँ होठ गुलाब कहूँ या बागों की गुलिस्ता कहूँ असर इस कदर हुआ कि मदहोश होने लगे। गोरे बदन कहूँ या इठलाती चाँद कहूँ गेसूओं को खोलकर […]

तुम पुष्प से सुकुमार हो, तलवार की भी धार हो। तुम ही भविष्य हो देश का, मजधार मे पतवार हो। माँ भारती को मान दो, और बड़ो को सम्मान दो। जो दुष्टता करते यहाँ, उन दुष्टों को अपमान दो। कर्तव्य पथ पर बढ़ चलो, और जीत सिर पर मढ़ चलो। […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।