त्याग तपस्या में तुम गुरुवर चतुर्थ काल पर भारी हो, कैसे कह दूँ विद्यासिंधु तुम पंचमयुग के अवतारी हो। जिनवाणी भी कहती है सहस्त्र वर्ष हो चौथा काल, एक दिन हो पंचम काल दोनों युग्म समानधारी हो। कैसे कह दूं विद्यासिंधु तुम, पँचमयुग के अवतारी हो। इतने उपवासों की तृषा […]