कुछ मैं कुछ तुम दिल पट खोले कुछ हद पार करेंगे। नदी नीर प्लावित पल्लव से संगम पथ अपनाती सागर भी लहरों से उठता क्योंकि नदी तरसाती पाट दिलों का मेट के अभी ऐसा ज्वार भरेंगे कुछ हद पार करेंगे। ओस छटा सी पावन, मन में खिलना है ऋतु […]
chari
विशाल भावना लिए,करे समृद्ध मंच को, विशुद्ध छंद काव्य से,प्रमाण दे प्रपंच को। विराट रम्य वैभवी,नमो नमो विशारदे, विराज मात शारदे,मनोज्ञ भान तारदे॥ नमो नमामि भारती,सरस्वती प्रभा झरी, सुरीति नीति प्रीति लै,सुहंसवाहिनी ठरी हे ! चंद्रकांत शारदा,सुमंगली ब्रह्मेश्वरी, सुबुद्धि,ज्ञान दान दे,अनंत दिव्यता धरी॥ […]