अनमोल बड़ा है ये बंधन, पावन रिश्ता रक्षाबंधन। उमड़-उमड़ के मन है जाता, जब-जब रक्षाबंधन आता। मन नेह दीप तब जल उठते, यादों में तेरी जब घिरते। भाई के मस्तक का चन्दन… पावन रिश्ता रक्षाबंधन…….ll माना हम खूब लड़ा करते, आंखों से भी मोती झरते। पल में यूँ रूठ […]

परम पुनीता पावन बंधन, प्रिय प्राणों से ज्यादा, बहना माँग रही है मुझसे, निज रक्षा का वादा। थाल सजाकर लाई बहना, दीपक मधुर जलाया, और भाल पर उसने मेरे, कुंकुम तिलक लगाया। नख-शिख तक फिर करी आरती, मंगल रहा इरादा, बहना मांग रही है मुझसे, निज रक्षा का वादा। केशरिया […]

हे मात करुणा भाव दारुण नेह की प्रतिमूर्ति तुम, गात की सौगात माते प्राण की स्फूर्ति तुम। तात के पदचिह्न मेरी राह की ज्योति बने, और गुरुवर के वचन जो प्रीत के मोती बने। हे प्रभु सब आपके उपकार का परिणाम हैं, और मन के भाव में प्रिय आप ही […]

प्रेमचन्द अग्रवाल यूको बैंक से सहायक महाप्रबंधक के पद से सेवा निवृत्त हैं,जहाँ ये राजभाषा अधिकारी के रूप में हिन्दी कार्यान्वयन से जुड़े रहे। अम्बाला शहर व अम्बाला छावनी क्षेत्र के महाविद्यालयों और  उच्च विद्यालयों में भी हिन्दी सम्बन्धी कार्य करते रहे हैं। इन्होंने हर विषय के प्राध्यापक  को हिन्दी के […]

मुझे भी किसी ने दुआओ में मांगा था,  किसी माँ के दामन की टुकड़ा थी मैं l  पिता ने पाला था बड़े अरमानों से,  सब कहते थे कि,चाँद का मुखड़ा थी मैं ll   पढ़-लिखकर कामयाब होना चाहती थी,  मुकम्मल हर ख़्वाब करना चाहती थी l  गुड्डे-गुड़ियों की शादियाँ रचाती […]

यूँ बिना ख्वाब के तुम घर से निकलते क्यूँ हो। पाँव के छालों से डरते हो तो चलते क्यूँ हो॥ अच्छे खासे हो मियां थोड़ी तो मेहनत कर लो। यूँ जवानी में भरी बैठ के ढलते क्यूँ हो॥ धूप में रहना है तो खुद को यूँ पत्थर कर लो। बन […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।