क्रुर संस्कृति, निकृष्ट परंपरा का यह अपकर्ष हमें अंगीकार नहीं, धुंध भरे इस राहों में यह नववर्ष कभी स्वीकार नहीं । अभी ठंड है सर्वत्र कुहासा , अलसाई अंगड़ाई है, ठीठुरी हुई धरा – नील-गगन, कैसी सुंदरता ठिठुराई है। बाग बगीचों में नहीं नवीनता, नहीं नूतन पल्लवों का उत्कर्ष ; […]

कुछ लोग जन्म से महान होते हैं, कुछ लोग कर्म से महान होते हैं। और कुछ लोगों पर महानता लाद दी जाती है।हिन्दी साहित्य में ‘धर्मवीर भारती’ अपने कर्म से महान हुए थे।इसलिए हिन्दी साहित्य में धर्मवीर भारती का नाम भारत के महानतम साहित्यकारों में आता है।धर्मवीर भारती जी ने […]

जर्जर डाली है फूल,मुझे झरने दो मैं झरकर हूँगा शांत किसी कोने में फिर व्यर्थ न दुख होगा मुझको रोने में मैने देखा संसार,पता है सुख क्या है चार दिनों का सुख नीरस जीवन में मुट्ठी भर मुझको धूल आज धरने दो जर्जर डाली है फूल,मुझे झरने दो। साथी सपने […]

सवेंदनाएँ शून्य हो गयी,कविताएँ मरने लगी है! रक्तिम स्याही वाली कलमें, निरंकुशता पर मौन धरने लगी है! कवि धर्म बिक गया सभा में,दरबारों की गाथा लिख-लिख! कविता की रोटी सिक रही नित,अधरों को भाग्य विधाता लिख-लिख! कविताएँ निस्तेज हो रही, सत्ता के घर में सो रही! कविताएँ अब हास्य हो […]

भुखमरी के मेले में एक बार, श्रीमती गरीबी से हुआ साक्षात्कार। मंहगाई के बोझ से झुकी कमर, आँसूओं के पैबंद साड़ी पर। कानों में मजबूरी की बाली, गालों पर विडंबनाओं की लाली। माँथे पर भूख की बिन्दी, लग रही थी जैसे हिन्दी। पीठ से पेट मिला हुआ, दहशत का कँवल […]

मैंने स्वर्ग को… धरा पर उतरते देखा है। देवताओं को भी… चहल-पहल करते देखा है। ये जो मेरा घर है न… इसमें मैंने हर रुप को संवरते देखा है॥ यहाँ हिन्दुओं से विशेष स्नेह नहीं … न ही मुस्लिमों से परहेज़ है कोई। ये जो मेरा घर है न… इसमें […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।