मुझे बूढ़ी आँखों मे आँसू देखना अच्छा नहीं लगता मुझे उनके कंधों पर बोझ रखना अच्छा नहीं लगता आशाओं में गुजारी जिंदगी पूरी न हो मुझे अच्छा नहीं लगता सहारे की जरूरत हो सहारा ना दे मुझे अच्छा नहीं लगता उनके पास बतियाने का समय ना हो मुझे अच्छा नहीं […]
शब्दो को शब्दों में हम सजाते है। उन्हें गीत गजल और लेखों में दर्शाते हैं। समाज की कुरीतियों का वर्णन करके, उन्हें मिटाने की कोशिस हर दम करते है। और एक अच्छे समाज और देश का निर्माण करवाते है।। बहुत पावन और पवित्र है हमारा देश हिंदुस्तान। जिसके हर कण […]
कोई पागल समझता है, कोई नादाँ कहता है। तेरे प्यार में जानम, क्या क्या सुनना पड़ता है। ज़माने के लोगो को, कुछ भी कहना होता है। कोई पागल समझता है, कोई दीवाना कहता है।। झुकाकर पलके अपनी, सलाम तुम को करते है। दुआ दिल कि बस हम, तुम्हारे नाम करते […]
आपके प्यार भरे दो शब्द, हमे एक नई ऊर्जा देते है। तभी तो हम कुछ अच्छा, और सार्थक लिख जाते है।। दिन निकल जाते है इसी तरह से, आपकी बातो का दिल में एहसास करके। की कोई तो है जो अपना समझता है , और अपने दिल के करीब हमे […]
क्या उसने कहाँ मेरे से, और मैने उसे क्या कहाँ। क्यों सुनने को बेताव है, मेरे मुंह से क्यों वो।। ये शहर कोई नया नही, मेरे आने जाने के लिए। मिलता रहा जहां प्यार, वहां हम आते जाते रहे।। अब तुम ही बता दो मुझे, की क्या कुछ हम कहे। […]
बेटियो कि मत करो, लोगो अब उपेक्षा। परिवार कि जान-शान, होती है बेटियां। घर में खुशाली लेकर, आती है बेटियां। संस्कारो के बीज, बोती है बेटियां। बेटा अगर हीरा है, तो मोती है बेटियां। नरम-गरम स्वभाव कि, होती है बेटियां। हर कार्य में निपुर, होती है बेटियां। माँ बाप का […]
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए।
आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं।
कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।