अपना देश भी कितना अजीब है, हर कोई इन्सानियत का रकीब है। बेटे और बेटियों की बोली लगती है, कलम चलाने वालों पर गोली चलती है। कभी कोई पत्रकार बेचारा जाता है, कभी कोई साहित्यकार मारा जाता है। दर्जनों के हत्यारे को जमानत मिलती है, सत्य-वक्ता को यहाँ जेल […]