योग दिवस पर विशेष……….. योग एक ऐसी विधा है,जिसे अपनाकर बिना कोई खर्च किये व्यक्ति अपने तन और मन को शुद्ध कर सकता है।यदि हम राजयोग के माध्यम से अपनी आत्मा को स्वच्छ बनाये और योगाभ्यास के माध्यम से शारिरिक व्यायाम व प्राणायाम करे तो योग की सम्पूर्ण कला व्यक्ति […]

राह भटके मीडिया को सन्मार्ग पर लाना होगा आध्यात्म से जोड़कर स्वपरिवर्तन करना होगा सामाजिक रूपांतरण की नई मुहिम शुरू करनी होगी मीडिया के माध्यम से अब चरित्र निर्माण करनी होगी आबू की पावन धरती निमित्त इसके बन रही लोकतंत्र के चतुर्थ स्तम्भ की नीव यहां मजबूत हो रही इस […]

पावन धरा माउंटआबू में योग की खुशबू महक रही हर किसी के चेहरे पर तेज है रूहानियत जैसे चहक रही परमात्मा की याद में रहकर हर कोई यहां प्रफुल्लित है बिना स्वार्थ की हंडिया में दाल शांति की जो पक रही विकारो को नष्ट करने की यह बड़ी तपस्या स्थली […]

बड़ा बनना है तो संस्कारो से बनिए बड़ा बनना है तो विचारों से बनिए बड़ा बनने के लिए बड़ी सोच जरूरी है आराम का सुख छोड़ संघर्ष करना जरूरी है बड़ा वही है जगत में जो झुकना जानता है बड़ा वही है जो दुसरो की नजर में चढ़ना जानता है […]

जिनको देवी मानते हम नवरात्र में उनको पूजते हम उन्ही देवियो पर संकट छाया योगी जी यह कैसी माया आपने भी तो देवियां पूजी थी नन्ही बच्चियों में देवी देखी थी फिर टिंवकल क्यों मारी गई नरपिशाचों द्वारा नोंची गई एक पखवाड़े में 27 की आबरू भेडियो द्वारा उतारी गई […]

आवश्यकता है आज हमें युवाओं को सन्मार्ग दिखाने की जो राह भटककर पतित  हुए उन्हें फिर से पवित्र बनाने की उनकी अबोधता को समझकर हमे उन्हें बोधता में बदलना होगा देश के भविष्य , नई पीढ़ी को हमे कसौटियों से कसना होगा बुजुर्गों का अनुभव, युवाओं की शक्ति रचनात्मक क्रांति […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।