हिन्दी है सबसे सरल, भारत की पहचान । हिन्दी भाषा में बसा, भारत का सम्मान ।। शब्द-शब्द में लोच है, अक्षर अक्षर गोल । हिन्दी जैसा है यहाँ, दुनिया का भूगोल ।। अपनी भाषा बोलियाँ, कभी न जाना भूल । अपनी भाषा जब मिले, खिलते मन के फूल।। भाषा का […]

“एक समय था जब अटल बिहारी वाजपेयी की भाषण शैली के कारण मैं उनके सामने बोलने में संकोच करता था और आज सुषमा स्वराज भी मेरे अंदर वाजपेयी की तरह ही ‘कॉम्प्लेक्स’ पैदा करती हैं।” यह बात भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने 2012 पार्टी की राष्ट्रीय […]

“जिस दिन हमारे सिग्नेचर, ऑटोग्राफ में बदल जाएं मान लिजिए आप कामयाब हो गये” इस दिव्य मंत्र से भारत के युवाओं में नई चेतना का संचार करने वाले भारत के सच्चे रत्न थे डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम। डॉ एपीजे अब्दुल कलाम वह व्यक्ति थे जो बनना तो पायलट चाहते थे लेकिन […]

जैसे पीने-पिलाने वालों के मजे होते हैं वैसे ही राजनीति में गिरने-गिराने के मजे होते हैं। राजनीति में गिराने वाला और गिरने वाला दोनों ही महान माने जाते हैं। राजनीति में आदमी गिरने से पहले पुरजोर कोशिश करता है कि वो किसी को गिरा दे और गिरे नहीं,राजनीति में तो […]

  आप वर्तमान दुनिया में “ही”(HE) है या “शी”(SHE) है इससे कोई फर्क नहीं पड़ता, यदी आप “ई” नहीं है तो कुछ भी नहीं है । चौंकिए मत, “ई” वह है जो स्त्री को स्त्री और पुरुष को पुरुष होने का आभास कराता है। आने वाले समय में अपने आप […]

गुरु पूर्णिमा विशेष-16 जुलाई 2019   गुरू बिन भवनिधि तरहिं न कोई,जौं बिरंचि संकर सम होई भारतीय वांग्मय में गुरु को इस भौतिक संसार और परमात्म तत्व के बीच का सेतु कहा गया है। सनातन अवघारणा के अनुसार इस संसार में मनुष्य को जन्म भले ही माता पिता देते है […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।