प्रचंड इस वेग में यही तो एक बात है, अखण्ड इस विचार में प्रचंड राष्ट्र भाव है। सहस्र बरसों की वेदना वेदना ही उत्पत्ति है, उठो,उठो भारती दिव्य ही स्वभाव है। चलो, कीर्ति पथ पर असंख्य भाव भरे हैं, इसी वेग के साक्षी विजय ही स्वभाव है। पूर्वजों के ऋण […]

जीवन में कम से कम एक बार प्यार कीजिए, ठंड हो या न हो, उजाला हो या न हो, अनुभूतियां शिखर तक जाएं या नहीं, रास्ता उबड़-खाबड़ हो या सरल, हवायें सुल्टी बहें या उल्टी बहें, पगडण्डियां पथरीली हों या कटीली, कम से कम एकबार दिल को खोल दीजिए। तुम्हारी […]

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आपसे मिलिए,आप हैं श्री लच्छू उस्ताद…जाति से ब्राम्हण, बरसों से चुंगी नाके की नाकेदारी करते-करते सभी को निकट से पहचान लिया है इन्होंने। चेहरा अब भी रोबीला,मूंछों पर वही ऐंठन और ठसक ऐसी कि,क्या कोई थानेदार रखेगा ? जबान पर लगाम है,मन पर काबू हैl दसवीं किताब उस समय की […]

परिवार रुपी, घर-आँगन में, जबसे लगाना, भूल गए हम, प्रेम-संस्कार की ‘बाड़’। तभी से, हम सब, बिखर गए, घर-आँगन हो गया, उजाड़ ही उजाड़। न बचा फाटक, न बची फटकी, न बचे उजालदान, न बची किवाड़ी, केवल बच गए, बन्द  ‘किवाड़’।                   […]

प्रथम हमारी ‘जननी’ माता। दूसरी हमारी ‘धरती’ माता।! तीसरी हमारी ‘प्रकृति’ माता। चौथी हमारी ‘नदियाँ’ माता। पाँचवी हमारी ‘गैया’ माता। छठवीं हमारी ‘रोज़ी-रोटी’ माता॥ #डा. महेशचन्द्र शांडिल्य Post Views: 647

जिस माता-पिता ने, दिया हमें जीवन फूल जैसा, किया लालन-पालन और हमारे, सभी दु:ख-दर्द ‘बाँटे’। लानत है, मनुज की, इस वृत्ति पर। बात ही बात में, उन्हें ताने दे-देकर, हम ही चुभा रहे, ‘काँटे’                                 […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।