हर्षवर्धन प्रकाश रिश्तों में अकेली स्त्रियां बांटती हैं प्रेम;  ढूंढती हैं प्रेम। रिश्तों में अकेली स्त्रियां चाहती हैं  एक लम्हा छांह; एक लम्हा वक़्त; एक लम्हा प्रेम। (हर्षवर्धन प्रकाश) कवि परिचय : हर्षवर्धन प्रकाश इंदौर (मध्यप्रदेश) – भोपाल के माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय से एम.एस-सी (इलेक्ट्रॉनिक मीडिया) […]

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विजयानंद विजय उस दिन मेरी तबीयत ठीक नहीं थी।मगर काम ऐसा था कि उसी दिन जाना भी अत्यावश्यक व अपरिहार्य था।अनमने भाव से मित्र के साथ शाम छः बजे बस स्टैंड आया।राँची के लिए एक आखिरी बस थी।कंडक्टर केबिन में सीट दे रहा था।लेकिन जब हमने केबिन में बैठने से […]

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भागवत शामराव पाटील अब मुट्ठीभर बेईमानों को बेनकाब करनेवाली कालेकुबेरों के जाल से  लक्षमी को मुकत करनेवाली आठ नवंबर सोलाह की निशा मे मोदीजी ने गर्जना कर दी काल बनकर आयी कालेकुबेरों के लिए नोटब॔दी॥1॥   रजनी में कंचन-रजत की सहसा चमक बढ़ गई कालेकुबेर-बेईमानों के चेहरे से चमक उज़ड […]

यह लेख स्वतंत्र लेखन श्रेणी का लेख है। इस लेख में प्रयुक्त सामग्री, जैसे कि तथ्य, आँकड़े, विचार, चित्र आदि का, संपूर्ण उत्तरदायित्व इस लेख के लेखक / लेखकों का है, मातृभाषा.कॉम का नहीं। अधूरा नर,वैसे बिन नारी। सूना घर ज्यों,बिन फुलवारी ।। न हो अधम तू,बस मिथ्या में। क्यों […]

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श्रीमती माला महेंद्र सिंह, (एम एस सी, एम बी ए, बी जे एम सी) आज एक पुरानी सहेली से बात हुई। बातो ही बातो में वो फूट फूट कर रोने लगी। मै आश्चर्यचकित थी।  हम महाविद्यालय में साथ ही थे, हमारा ग्रुप ऑक्सिजन गैंग के नाम से प्रसिद्ध था। हमने […]

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-प्रभु जोशी अंग्रेजों के शताब्दियों तक जर-खरीद गुलाम रहे भारत जैसे मुल्कों के बीच, वहां के मीडिया द्वारा बहुत कारगर युक्ति से यह मिथ्या-प्रचार लगातार किया जाता रहा है कि अंग्रेजी ही ‘विश्वभाषा‘ है और उसका कोई ‘विकल्प‘ नहीं है। लेकिन अब सबसे बड़ी विडम्बना यही होने जा रही है […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।