तुम कौन हो ………., जो न जाने कहां से आए और मेरे मन मस्तिष्क पर छोड़ गए एक छाप-सी, तुम कौन हो आखिर जो मेरे शरीर के अंतिम कोने तक एक लकीर खींच गए अपने नाम की…………l तुम कौन हो……………, जो एक झौंके की तरह आए मेरे जीवन में, और […]
sima
मेरी जीवंत स्मृतियों में आज भी शामिल है एक सहज सरल उमंगता बचपन। संयुक्त परिवार के रिश्तों की झिलमिल कड़ियां………शरारतें……….पढ़ाई……….. गुरूजनों का सम्मान……..संवेदना से भरा संसार………..इन्हीं सबमें मेरे विश्वास श्रद्धा को विनत भाव का एक पुष्ट संस्कार मिला। खुशनुमा बचपन में लौटती हूँ तो,वहाँ ढेरों खुशियों के साथ साथ बीत […]