हे माधव!तुमसा कोई कहाँ, हे माधव!तुम बिन जाऊं कहाँ। तुम जग के पालनकर्त्ता, कष्ट निवारक और विघ्नहर्ता। तुमने इस दुनिया को बनाया, सबको यहां जीना सिखलाया। रिश्ते-नाते तुमने बनाया, उन्हें निभाना भी सिखलाया। सब अपने हैं!इस दुनिया में, ये बातें तुमने समझायी। तुमने पुत्र का धर्म निभाया, अपनी माँ को […]