बेटी तो बस बेटी है, बेटी एक तो शक्ति है। जगत की भी जननी है, बेटी को कमजोर न समझो। जब तक बेटी,बेटी है, लगती सबको छोटी है। सुन्दर प्यारी बच्ची है, दिल की बहुत ही सच्ची है। लक्ष्मी बनकर आती है, जब बेटी पैदा होती है। कन्यादान बेटी का […]

आरक्षण से देश गुलाम हो रहा है, जो देखो वही आज आरक्षण माँग रहा है। देश के स्वार्थी नेताओं ने आरक्षण की गंदगी को, अब तक पाल रखा है। एक कहावत है-गंदगी में पत्थर फेंको,उल्टे अपने सिर पर उचटती है, वही कहावत आज के समय चरितार्थ हो रही है। आजकल […]

विचार मन में सच्चे सही होना चाहिए, रास्ते भले ही कठिन हों चलना चाहिए। मन के विचार हमेशा चंचल, चलायमान होते हैं, कभी पहाड़ की चोटी पर, कभी चाँद की सैर करने चले जाते हैं। हवा के झोंकों की तरह कभी, भी कहीं भी चले जाते हैं, नदी-समुन्दर यूं चुटकी […]

एक रुमाल ने किसी का मन मोह लिया, आपस मे दो युवा टकराए। दोनों को ये क्या हो गया, एक लड़की का रुमाल राह चलते अचानक गिर गया। हमदर्दी के नाते एक युवा ने रुमाल उठाया, इत्तफाक से लड़की भी रुमाल उठाने झुकी। दोनों आपस में टकराए, नजरें मिली,शर्माए। बातें […]

प्रेम तो मन के भावों की पावन अभिव्यक्ति होती है, वात्सल्य माँ की शिशु भाव-सी अदभुत शक्ति होती है। माँ गंगाजल जैसी निर्मल मन्दिर-मस्जिद-गुरुद्वारा है, चातक-सी है अमर समर्पण पतंगे-सी प्रेम परस्ती है। छल छिद्र नहीं हो छद्म कोई न बस चाहत की अभिलाषा, कहना है ‘शिवम्’ तुमसे ये मेरा […]

क्या हुआ कि,आज माँ घर से पराई हो रही है, दो वक्त की रोटी की खातिर माँ की विदाई हो रही है। बंट रहे हैं घर-मकाँ, माँ- बाप भी बंटने लगे हैं, हो गया व्यापार, रिश्तों की जुदाई हो रही है॥                   […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।