आज अंधेरा है,कल उजाला भी आयेगा, आज किसी का है,कल हमारा भी आयेगा। उम्मीद पर है दुनिया कायम ए मेरे दोस्तो, ये अंधेरा इस संसार का कल मिट जायेगा।। रखो आशा की किरण,निराशा से क्या होगा, निराश होकर कभी भी कोई काम नहीं होगा। निराशा मे ही आशा छिपी है […]

देख लिया जग सारा तुमने चलो लौट चलें अब गांव की ओर सदियों से ढोते अपमान ,गंदगी दरिद्रता ,अत्याचार, लाचारी बड़ी-बड़ी अट्टालिकायों के पीछे छिपे उस दोगले इंसानों को मतलबी, मौकापरस्त, स्वेच्छाचारी उस चमकते किंतु सिसकते महानगरों से जहां गरीबी सबसे बड़ी गाली है जहां पैसा ही भगवान है दूर […]

हर देश की प्रगति में श्रमिकों का बड़ा हाथ होता है। देश की रीड भी मजदूर होता है। बिना मजदूरों के कोई भी कुछ कर नहीं सकता है। इसलिए तो इन्हें मिलो का भगवान कहा जाता है। और बिना मजदूरों के कोई उद्योगपति बन नहीं सकता।। मजदूर की मेहनत से […]

कब तक दिखावा करूँ अपने मुस्कुराने का नहीं होता अब…… भर आती है आँखे छलक जाते है आँसू मंदी की मार ,कभी पिता कभी माँ बीमार कब तक दिखावा करूँ……. रोज टूटता हूँ रोज बिखरता हूँ नहीं देख पाता लाशों के ढेर कब तक दिखावा करूँ………. बच्चों की पढ़ाई का […]

शांतचित रहना सीखो क्रोध को भगाना सीखो बीमारी पास न आएगी किस्मत अच्छी हो जायेगी शांति मे ही तो आनन्द है इसी से मिलता परमानन्द है प्रभु मे ध्यान लगाकर देखो प्रभु को अपना बनाकर देखो जीवन खुद संवर जायेगा परमात्म बोध हो जायेगा इस सत्य को अपनाकर देखो प्रभु […]

इंदौर। कहते हैं व्हाट्सअप और फ़ेसबुक केवल मनोरंजन का साधन हैं पर यहीं वर्तमान दौर में आए आपदा काल में महज़ कुछ ही कवि साथियों ने मिलकर देशभर में एक हज़ार से अधिक मरीज़ों के सहायक बनते हुए उनकी जान बचाई। मातृभाषा उन्नयन संस्थान एवं जैन कवि संगम समूह से जुड़े […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।