ओ हो हो ह ……………। संसार चक्र ऐसे ही चलेगा। जीना और मरना इसमें पड़ेगा। फिरभी चलना पड़ेगा जीना मरना पड़ेगा।। समय कभी भी ठहरता नहीं है.. २ आंधी से तूफां से डरता नहीं है। तू न चलेगा तो खुद चल देगा समय फिर से दुवार ये आयेगा नहीं। फिरभी […]
यदि बाज नहीं आए तो कार्यवाही को मजबूर होगा हिन्दू समाज नई दिल्ली। एक ओर जहां सम्पूर्ण विश्व कोरोना महामारी से जूझ रहा है तथा हिन्दू मठ-मंदिर, गुरुद्वारे, आश्रम व भारतीय समाज पीड़ितों के दुख दूर करने हेतु विविध प्रकार के सेवा कार्यों में लगे हैं वहीं, चर्च व इस्लामिक […]
सच को सच अब लिख नहीं पाती कलम सिस्टम के आगे आखिर कब तक गिड़गिड़ायेगी कलम तलवार की धार सा जो लिखे कलम तो टूटकर भी अमर हो जाएगी कलम दुनिया की किसी भी कीमत पर न बिचे कलम तो सदियों तक सूरज सी तपती रहेगी कलम सच को सच […]
यू जिंदगी की उलझनों में हम उलझते चले गये। न जीने की चाह है और न मरने का डर। यू जिंदगी की उलझनों में हम उलझते चले गये।। घर से निकले थे हम तो खुशियों की तलाश में..२। गम राह में खड़े थे वो ही साथ हो लिए..२। यू जिंदगी […]
जनपद आगरा के गांव रिहावली में पुनः जनजीवन सामान्य होने लगा है । आपको बता दें कि बीती पन्द्रह अप्रैल की तारीख को यहां चुनाव के दौरान भीषण दंगा हुआ था । दंगों के दौरान ही कुछ असामाजिक तत्वों ने प्राथमिक विद्यालय के कमरे की दीवार- जंगला तोड़ कर मतपेटिकायें […]
आज के इस नकारात्मक माहौल में सकारात्मकता लाने के उद्देश्य से मातृ दिवस के उपलक्ष्य में संस्कार मंच एवं ग्रीन लिटरेचर साहित्य मंच ने काव्य गोष्ठी आयोजित की। मुख्य अतिथि समाज सेविका पंकज संधीर के शुभाशीर्वाद से ऑनलाइन काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया। इसमें अध्यक्ष की भूमिका चंडीगढ से […]
आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है।
आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं।
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया।
इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं।
हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।