बड़े लोगों का रुतबा बोलता है,
वो चुप भी हो तो लहजा बोलता हैl
वो खुद को शहर का कहता नहीं है,
मगर उसका सलीका बोलता हैl
वो गंदा जेहन का जितना हो लेकिन,
वो माइक पर तो अच्छा बोलता हैl
छुपेगी क्या हमारे घर की हालत,
मेरा सारा दरीचा बोलता हैl
बहुत खामोश था अलमारियों में,
अब टूटा है तो शीशा बोलता हैl
वो जिसके जन्म पर महफिल सजी थी,
बहुत बढ़-चढ़ के बेटा बोलता हैl
कभी भी घर में जो अनबन हुई है,
तो माँ के हक में बच्चा बोलता हैl
हमारी बात तो सुनता नहीं है,
मगर संसद में बहरा बोलता हैll
#डॉ.जियाउर रहमान जाफरीपरिचय : डॉ.जियाउर रहमान जाफरी की शिक्षा एम.ए. (हिन्दी),बी.एड. सहित पीएचडी(हिन्दी) हैl आप शायर और आलोचक हैं तथा हिन्दी,उर्दू और मैथिली भाषा के कई पत्र- पत्रिकाओं में नियमित लेखन जारी हैl प्रकाशित कृति-खुले दरीचे की खुशबू(हिन्दी ग़ज़ल),खुशबू छूकर आई है
और चाँद हमारी मुट्ठी में है(बाल कविता) आदि हैंl आपदा विभाग और राजभाषा विभाग बिहार से आप पुरुस्कृत हो चुके हैंl आपका निवास बिहार राज्य के नालंदा जिला स्थित बेगूसराय में हैl सम्प्रति की बात करें तो आप बिहार सरकार में अध्यापन कार्य करते हैंl