आओ, फूल बरसाओ सखी री,
रामलला घर आए हैं,
मंगल गान गाओ सखी री,
रामलला घर आये हैं।।
जूही, बेला और चमेली,
केवड़ा भी तो लाओ री,
इत्र–चंदन लाओ सखी री,
रामलला घर आए हैं।।
ढोल-मंजीरा ख़ूब बजाओ,
और संग मृदंग भी,
ज़ोर से शंख बजाओ सखी री,
रामलला घर आए हैं।।
तरह-तरह के मेवा–मिश्री,
संग में छप्पन भोग भी,
खील-बताशे लुटाओ सखी री,
रामलला घर आए हैं।।
धूप–दीप से करो आरती,
फूलों की बरसात भी,
रंग गुलाल उड़ाओ सखी री,
रामलला घर आए हैं।।
बेड़ा पार करेंगे राम,
प्रेम भाव से मनाओ री,
गीत प्यारे गाओ सखी री,
रामलला घर आए हैं।।
#साधना छिरोल्या
दमोह, मध्यप्रदेश