जलियांवाला बाग

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13 अप्रैल 1919
बैसाखी की वह सुबह
अरुण रवि,अरुणिम उषा
फैला दिशि-दिशि रवि करजाल
कुछ उलझा–सा
यूँ उलझ गया
गहन तम तमस आवृत्त
हुआ विहान रक्त-रक्तिम
यह कैसा बैसाख!

आज़ादी का शंखनाद गुंजित 
विप्लव वीरों के स्वर से हर्षित
आत्म गौरव पुलक से पुलकित
सराह रहा स्वभाग्य अपरिमित
अनागत से रहा अपरिचित
प्रमुदित जलियांवाला बाग

हाऽऽ!ये कैसा हाहाकार!
गोलियों की अनवरत बौछार
शासक का क्रूर अट्टहास  
ओह! वह निर्मम नरसंहार!
आर्तनाद! करुण दारुण विलाप
व्यथित हृदय चीत्कारता
ख़ून के आँसू रोता
दुखित जलियांवाला बाग

काले पन्नों पर सिसकता
इतिहास जार–जार रोता
पर लिए हृदय में हुताशन
आज़ादी का शंखनाद दिक्-दिक्
शहीदों की शहादत
‘औ’ गोलियों के निशां
फिर-फिर भरते हुंकार
क्षुब्ध जलियांवाला बाग

आततायियों! तुम यह जानो
हम भरत की संतान हैं
मुँह में हाथ डाल सिंह के
दाँत हमने गिन डाले हैं
तुम भीरू, कायर, क्लीव
किया निहत्थों पर वार
निर्दोष सहस्रों के लहू का
तुम्हें चुकाना है हिसाब
ली अटल सौगंध जिसने
इतिहास का अमिट पृष्ठ वह
गरजता जलियांवाला बाग

#यशोधरा भटनागर,
देवास, इंदौर

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Thu Apr 13 , 2023
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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।