भारत की एकमात्र, हर क्षेत्र की पहचान ज्ञानोत्कर्ष अकडमी का उद्घाटन हुआ साथ ही पिता दिवस पर विराट महाकविसम्मेलन का आयोजन किया गया था ! इस संस्था के संस्थापक सह राष्ट्रीय अध्यक्ष रुपेश कुमार जी ने संस्था के उद्देश्यों के बारे मे पूर्ण जानकारी दिया! उन्होनें बताया की हमारी संस्था भारतीय सभी विषयों कला, सांस्कृतिक, नृत्य, तकनिकी, कृषि, विज्ञान, लाँ, शांति, समाजिक कार्य, शिक्षा, इत्यादी सभी क्षेत्रों मे उत्कृष्ठ कार्य करने वालों को बिल्कुल निशुल्क, निःस्वार्थ भाव से सम्मानित करना, गरीबों को निःशुल्क शिक्षा, साहित्य की सेवा इत्यादी किया जाएगा! साथ ही समय-समय पर कवि सम्मेलन, विज्ञान कांफ्रेंस एव अनेकों तरह की प्रतियोगिताओ का आयोजन किया जाएगा ! संस्था की राष्ट्रीय महासचिव सह सुप्रीम कोर्ट दिल्ली की लॉ ऑफिसर अनुजा मनु जी ने अपने विचार व्यक्त किये। उन्होनें समाजिक कुरितियों को शिक्षा से मिटाने को लेकर जोड़ दी साथ ही भारतीय साहित्यिक दुनिया को विश्व स्तर पर ऑनलाइन और ऑफ़लाइन के माध्यम से पूरी दुनिया मे पहचाने पर जोड़ दी ! साथ ही संस्था की राष्ट्रीय सचिव गरिमा विनीत भाटिया जी ने साहित्य को हर घर मे अपनी पुरानी उचाईयों को लाने मे हर सम्भव कोशिश करने के लिए बल दिया! उन्होनें भारतीय संस्कृति को फिर से पाने के लिए हर संभव प्रयास करने के ऊपर बल दी! गरिमा जी ने प्रेमचंद्र, हरिवंश राय बच्चन, अमृता प्रीतम, गोपाल दास नीरज की साहित्य पर परिचर्चा, गोष्ठी करने के लेकर चर्चा की! संस्था की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शायरा प्रिया सिंह ने भारतीय गजल, शायरी के विलुप्त हो जाने के कारण उसको फिर से समाज की मुख्य धारा से जोडने पर अपना विचार व्यक्त की और प्रण लिया की शायरी, गजल को मीर तकी मीर, इकबाल, अमीर खुसरो, दुष्यंत कुमार के सपनों को साकार करने की हर संभव कोशिश करेंगे! साथ ही सभी ने पिता दिवस पर अपनी खुबसूरत शब्दों से पिता शब्द का बखान किया ! उद्घाटन सह सम्मेलन का पूरी व्यवथा रुपेश कुमार, गरिमा विनीत भाटिया जी के द्वारा किया गया ! सम्मेलन का संचालन अनुजा मनु जी के द्वारा बहुत खुबसूरत ढंग से किया गया ! साथ ही सरस्वती वंदना भी की! सरस्वती वंदना डॉक्टर राधा वाल्मीकि जी, वीना आडवाणी “तन्वी” जी एवं आभा सिंह जी साथ ही संचालिका अनुजा जी ने भी की! वीना जी ने खुबसूरत पिता पर अपनी रचना से सबका मन विभोर कर दी ! साथ ही संस्था की कार्यकारिणी समिति के सद्स्य वीना आडवाणी जी, महाराष्ट्र, रुपा वात्सायन जी, पटना, बिहार, कल्पना चौधरी जी, कोलकाता, संगीता भारद्वाज जी, सिलिगुड़ी, दीपाली सोढ़ी जी, आसाम ने अपना पदभार संभाला साथ ही संस्था की संरक्षक ममता गिनोड़िया जी, आसाम ने सभी को अपना अमुल्य वक्तव्य से सभी को आगे बढ़ने के लिए अपना विचार व्यक्त की ! भारत के सभी प्रांतो के निम्न साहित्यकार बंधु विराट कवि सम्मेलन मे भाग लिया जिनमे
आभा सिंह , लखनऊ, ममता गिनोड़ीया मुग्धा, आसाम, नीतू कुमारी , पटना, बिहार, रीना विनय मिश्रा, वीना आडवानी “तन्वी”, महाराष्ट्र,अंकिता सिन्हा, जमशेदपुर, डॉ रशीद गौरी, राजस्थान, डॉ सुनील कुमार परीट , बेलगांव कर्नाटक, डॉ मलकपपा आलियास महेश , बेंगलुरु , डॉ राधा वाल्मीकि, पंतनगर उत्तराखंड, आशीष भारती, सहारनपुर, संगीता भारद्वाज, सिलिगुड़ी, संध्या उर्वशी , डाॅ०विजय लक्ष्मी, काठगोदाम,उत्तराखण्ड, करिश्मा मल गड़चीरोली, निशा गुप्ता, सिलिगुड़ी , रेखा शाह, भारती सुजीत बिहानी, सिलिगुड़ी , डॉ आशुतोष ,रेवाड़ी हरियाणा, डॉ सुरभी जैन श्रुति, डॉ रचना सिंह रश्मि, आगरा, कान्ता अग्रवाल, गुवाहाटी असम, एडवोकेट रिंकी गुप्ता, सिलिगुड़ी, कल्पना चौधरी , बुलंदशहर यूपी, मंजू बंसल, हेमलता गोलछा, गुवाहाटी, सुनीता कुमारी प्रसाद, अफजल खान अफजल, शमा जैन सिंघल, प्रीती चौधरी मनोरमा , बुलन्दशहर उत्तर प्रदेश, जहेंद्र सिंह गुजरात, अनुराधा अग्रवाल, सिलिगुड़ी,दीपाली सोढी,आसाम , शाहाना परवीन,कोलकाता, नीलू कानू प्रसाद, शांति मालपानी, जोरहाट, आसाम, स्मिता धिरासिया, मालविका रायमेधि दास “मेधा”,रुपा वात्सायन, पटना ने अपने अलौकित रचना से सम्मेलन की गरिमा बढाई !
सम्मेलन की समापन की घोषणा राष्ट्रीय महासचिव अनुजा मनु जी के अभिभाषण के साथ संपन्न हुआ!