पकड़

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बादल बरस-बरस कर थम गये थे, भादो खत्म होने को थी | कुसुमप्यारी अपने झोपड़े को लीप-पोत रही थी | उसका खसम (पति) नीम के पेड़ के नीचे टूटी खटिया पर पड़ा-पड़ा खाँस रहा था | कुसुमप्यारी के ब्याह को अभी मुश्किल से पूरे तीन वरस भी नहीं हुए थे | बेचारी का पति चमनू भट्ठे पर ईंटों का काम करते-करते कब बीमार हो गया, पता ही नहीं चला | सरकारी डाक्टर ने बताया कि उसको टी. वी. हो गया है |

कुसुमप्यारी जल्दी-जल्दी हाथ चला रही थी ताकि घर की लिपाई-पुताई जल्दी से पूरी हो जाये, वैसे भी अब भट्ठे खुलने ही वाले हैं | जब भट्ठे खुल जायेंगे फिर उसे घर के काम की फुर्सत कहाँ मिलेगी | तभी पीछे से कुसुमप्यारी को एक मजबूत पकड़ने कसकर जकड़ लिया | कुसुमप्यारी समझ गई कि यह पकड़ ठेकेदार की ही है | पिछले सालभर से वो इस पकड़ को सहती आ रही थी |

‘पूरे तीन महीने हो गये, तुझे बाँहों में भरे हुए | सुन ! कल भट्ठे का शुभ मुहूर्त है, काम पर आ जाना… |’ इतना कहते हुये ठेकेदार पदमसिंह ने कुसुमप्यारी की पकड़ ढ़ीली कर दी |

कुसुमप्यारी हाँ में सिर हिलाती हुई, नजरें झुकाये झोपड़े से बाहर निकल गई | और ठेकेदार अपनी बुलेट मोटर साइकल फट्ट – फट्ट करता हुआ हवा हो गया |

मुकेश कुमार ऋषि वर्मा
फतेहाबाद, आगरा

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।