जवान भाइयों की राखी

0 0
Read Time2 Minute, 10 Second

सारे देश में छाईं खुशियां,
जन जन हुआ है भाव विभोर।
घर-घर में बनी सेवइयां,
होने लगा गीतों का शोर ।

कर लो याद जरा उनकी भी,
जो करते हैं रक्षा सरहद की।
हर पल जान हथेली पर रखकर,
करते हैं रक्षा मां बहनों की।

त्यौहारों पर जब हम सब,
मिल कर खुशियां मनाते हैं,
सरहद पर वीर जवान भाई,
अपना फ़र्ज़ निभाते हैं।

मां आस लगाए बैठी है,
आएगा कब लाल मेरा।
अपनी सूरत प्यारी सी,
दिखाएगा कब लाल मेरा।

घर के बाहर गलियारे में,
बाबू जी बैठे सोच रहे।
गर्व से सीना ऊंचा करके,
बेटे की सलामती मांग रहे।

बहना छोटी छुप छुप रोए,
भैया तुम कब आओगे।
रक्षाबंधन पर आकर तुम,
राखी कब बंधवाओगे।

माफ कर दो भैया मेरे ,
अब तुमको ना सताऊंगी।
तेरी डांट पर भैया मेरे,
कभी ना रूठ कर जाऊंगी।

तुम बिन लगता घर सूना ,
सूने लगते सारे त्यौहार ।
आ जाओ यदि भैया मेरे,
आ जाएगी घर में बाहर।

करो माफ मुझको भैया,
मैं ये क्या बोल गई।
केवल अपने बारे में सोचा,
राष्ट्रधर्म मैं भूल गई।

नाज़ मुझे है तुम पर भैया,
तेरी बलिहारी जाऊं मैं।
तुम देश के प्रहरी हो भैया,
इस बात की खुशी मनाऊं मैं।

राखी की कसम है भाई,
दुश्मन को मार भगा देना ।
चीर के दुश्मन का सीना,
भारत मां की लाज बचा लेना ।

करती है दुआएं हरपल ,
देश की सारी मां बहनें।
रहें सलामत सारे भाई,
सीमा पर डटे हैं जो वर्दी पहनें।

हमें नाज है वीर जवानों,
तुमने भाई का फ़र्ज़ निभाया है।
लगा के बाजी अपनी जान की,
तुमने राखी का फ़र्ज़ निभाया है।

सपना (सहायक अध्यापक)
जनपद औरैया
उत्तर प्रदेश

matruadmin

Next Post

मेहबूब का साथ

Sun Oct 11 , 2020
पूणिमा की चांदनी रात में मेहबूब को लेकर साथ में। चले जन्नत में मोहब्बत करने के लिए वो। मेहबूब के पैरों में कही कोई कांटा न चुभ जाये। तभी तो चांद ने बगीचे में मोतियो को बिछा दिये।। जैसे ही पढ़े कदम मेहबूब के जन्नत के बाग में। मुरझाए लताएं […]

नया नया

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।