दिये कि तरह..

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किसीको पाने की चहात में
लूटा रहे हो दिल अपना।
समझ उन को आएगा
क्या तुम्हारा ये तरीका।
प्यार होता है दिल से
किसी दिखावे से नहीं।
इसलिए दिल में सोच
सदा पवित्र तुम रखो।।

बुझ जाते है बहुत से
दिये हल्की सी हवा से।
तो क्या वो तूफान का
समाना कर पाएंगे।
और अपने प्यार को
दिये की तरह जला पाएंगे।
और दुनियाँ में प्यार की
ज्योत को जला पाओगें।।

दिलमें बसे प्यार को
पाने के लिए।
मोहब्बत का एहसास
उन को करा पाओगे।
और मोहब्बत का दिया
दिल में जलवा पाओगें।
और प्यार की दुनियां
उनके साथ बसाओगें।।

मोहब्बत का ये तरीका
दुनियाँ वालो को दिखाओगें।
और मोहब्बत का आशियाना
फिर से बनाओगे।
और राधा कृष्ण लैला मंजुनु हीर रांझा
वाला इतिहास फिरसे दौहराओगें।
और इस जहाँ में भी
मोहब्बत अमर कर जाओगें।
और मोहब्बत का दीपक
घर घर में जलवा दोगे।।

जय जिनेन्द्र देव
संजय जैन (मुम्बई)

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