गुरु बिन न ज्ञान मिले,
गुरु बिन न दिशा निर्देश।
गुरु ही सर्वोपरि है,गुरु ही
ब्रह्मा विष्णु और महेश।।
गुरु के कारण ही पड़ा है,
हमारे नगर का नाम गुरुग्राम,
अपने गुरु द्रोणाचार्य जी को,
हम सब करते है प्रणाम।।
जननी पहली शिक्षक है,
उसका करो तुम सम्मान।
उसके आशीर्वाद बिन न मिले
अन्य गुरुओं का तुम्हे ज्ञान।।
मां एक ऐसी शिक्षक है
जो संकेतो से देती है ज्ञान।
मां ही मातृ भाषा सिखाए,
वह है सब गुणों की खान।।
गुरुओं ने गुरुकुल है बनाए,
जो आज भी है विद्यमान।
इनके कारण ही बना है
भारत विश्व का है विद्वान।।
गुरु किसी का बुरा न करे,
करते है वे सबका कल्याण।
बिना लोभ लालच के गुरु ही
सबको देते है वे अपना ज्ञान।
गुरु परम्परा के कारण ही,
एक स्वप्न हुआ है साकार।
अयोध्या में राम मंदिर बनेगा
राम की माया है अपरंपार।।
आर के रस्तोगी
गुरुग्राम